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नीति आयोग के सीईओ बोले- यह लॉकडाउन का तीसरा चरण नहीं ओपनिंग का पहला चरण

अमिताभ कांत ने बताया कि 1928 की मंदी के दौरान रुजवेल्ट ने कहा था डरने के लिए कुछ नहीं है। डर ही है जो हमें डरा रहा है। इस डर को नहीं हराया तो बीमारी तो जाएगी नहीं, अर्थव्यवस्था भी नहीं बचेगी।

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नीति आयोग के सीईओ बोले- यह लॉकडाउन का तीसरा चरण नहीं ओपनिंग का पहला चरण

नीति आयोग के सीईओ बोले- यह लॉकडाउन का तीसरा चरण नहीं ओपनिंग का पहला चरण

नई दिल्ली। अमिताभ कांत ने कहा कि ‘लॉकडाउन का तीसरा फेज जो लागू किया गया है उसे लॉकडाउन-3.0’ नहीं बल्कि ‘ओपनिंग 1.0’ कहना चाहिए। केंद्र सरकार ने रोजगार और अर्थव्यवस्था की चुनौती को देखते हुए ही खोले जाने की दिशा में यह कदम उठाए हैं। अमिताभ कांत ने बताया कि 1928 की मंदी के दौरान रुजवेल्ट ने कहा था डरने के लिए कुछ नहीं है। डर ही है जो हमें डरा रहा है। इस डर को नहीं हराया तो बीमारी तो जाएगी नहीं, अर्थव्यवस्था भी नहीं बचेगी।

अब जीविका बचानी होगी
अमिताभ कांत ने कहा 80 फीसदी आर्थिक गतिविधियां कुछ प्रमुख शहरों में केंद्रित हैं। इन शहरों को पूरा बंद रखा गया तो आर्थिक गतिविधियां ठप रहेंगीं। लक्ष्य यह है कि जानें तो बचा ली हैं अब सबकी जीविका भी बचानी होगी।

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नहीं खोला तो लोग ज्यादा मरेंगे

हमने अभी खोला नहीं तो तीन चीजें होंगी। लोग दूसरी बीमारियों का इलाज नहीं मिल पाने से मारे जाएंगे। कुपोषण का स्तर बहुत बढ़ जाएगा। गरीबी रेखा से निकाले गए 30 करोड़ लोगों के दोबारा अति गरीब होने का डर होगा। उन्होंने राज्यों को कहा है कि वे बिना डरे साहस के साथ प्रतिबंध हटाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाएं।


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