
दिल्ली: राम मंदिर निर्माण को ध्यान में रखते हुए दो दिवसीय सम्मेलन शुरू, 3000 संत ले रहे हैं हिस्सा
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा गरम हैं। अयोध्या भूमि संपत्ति विवाद मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में हैं। इस बीच दिल्ली में राम मंदिर निर्माण सहित विभिन्न मुद्दों के लेकर संत जुटने शुरू हो गए हैं। शनिवार को दो दिवसीय सम्मेलन का आगाज ताल कटोरा स्टेडियम में हुआ।
धर्मादेश नामक इस सम्मेलन में साधु-संत राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान साधु-संत सरकार को राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने का ‘धर्मादेश’ देनेवाले हैं। बैठक के पहले दिन अलग-अलग दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। कहा ये भी जा रहा है कि साधु-संत चर्च और मस्जिदों द्वारा दिए जा रहे फतवा पर भी चर्चा करेंगे। बता दें कि इस सम्मेलन में देशभर के 125 संप्रदायों के संतों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 और 4 नवंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय संत समिति के प्रत्येक जिले के पदाधिकारी जुटेंगे। इन दो दिनों में सात बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा और सरकार को धर्मोपदेश दिया जाएगा। वहीं, स्वामी वागीश स्वरूप काशी ने कहा कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लेकर नहीं आती है तो कुंभ के दौरान साधु-संत बैठक करेंगे और जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
'राम मंदिर निर्माण पर कानून बना सकती है सरकार'
अयोध्या मंदिर-मजिस्द विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश का बड़ी टिप्पणी सामने आई है। पूर्व न्यायाधीश जस्टिस चेलमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि शीर्ष अदालत में मामला विचाराधीन होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून बना सकती है। पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा कोर्ट के फैसलों में अवरोध पैदा करने के बाद इससे पहले भी होते रहे हैं। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अयोध्या विवाद पर यह टिप्पणी उस समय की है, जब संघ परिवार में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग तेज होती जा रही है।
Updated on:
03 Nov 2018 01:04 pm
Published on:
03 Nov 2018 12:40 pm
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