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Unlock 2.0 के साथ ही बैंकों ने शुरू कर दी ग्राहकों से ‘वसूली’, ध्यान से करें ये काम

locationनई दिल्लीPublished: Jul 02, 2020 10:52:43 pm

1 जुलाई से शुरू अनलॉक ( Unlock 2.0 ) के दूसरे चरण के साथ ही बैंकों की पुरानी प्रक्रिया ( New Bank And ATM Rules ) शुरू।
एटीएम से निकासी ( ATM withdrawal limit ) और न्यूनतम खाता शेष ( minimum balance necessary ) के नियम फिर से हो गए हैं प्रभावी।
लॉकडाउन के बाद ( Bank Rules In Lockdown ) बदले नियम ( bank rules in unlock )), एटीएम का इस्तेमाल और अपने खाते में शेष राशि के लिए रखें नियमों का ध्यान।

: Banks restarts charging customers

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में लागू लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने कई राहत उपाय लागू किए थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने तीन महीने के लिए आम नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए, विशेष रूप से बैंकिंग ( New Bank And ATM Rules ) के लिए कई उपायों ( Bank Rules In Lockdown ) की घोषणा की थी। लेकिन अनलॉक के दूसरे चरण ( Unlock 2.0 ) के साथ ही सारी सहूलियतें समाप्त हो चुकी हैं और बैंक अपने पुराने ढर्रे पर वापस आ चुके हैं।
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वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं में बैंक ग्राहकों के लिए न्यूनतम शेष ( Relief from Minimum Balance ) बनाए रखने से पूरी छूट और किसी भी बैंक के एटीएम से मुफ्त निकासी ( ATM withdrawal limit ) शामिल थी। सीतारमण ने आयकर रिटर्न भरने की तिथि भी बढ़ाकर 31 मार्च से 30 जून तक कर दी थी। जबकि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर इसी तरह अंतिम तिथि का विस्तार कर दिया था।
उस समय वित्त मंत्री ने एक आर्थिक पैकेज लाने का भी वादा किया था। बाद में 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को पेश भी किया। इसमें मुख्य रूप से गारंटी और मध्यम से दीर्घकालिक उपाय शामिल थे। समानांतर रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों के मद्देनजर बॉन्ड और मुद्रा बाजारों के लिए बाजार के समय को कम कर दिया था। बाजार के वक्त में की गई कटौती अभी भी जारी है।
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जून के समापन के साथ ही वित्त मंत्री द्वारा दी गई तीन माह की मोहलत खत्म हो गई है। भले ही आर्थिक परिदृश्य खराब हो चुका हो, लेकिन बैंकों ने अपने ग्राहकों से शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। बैंकों या सरकार ने एटीएम से संबंधित नियमों में विस्तार किए जाने संबंधी कोई सूचना जारी नहीं की है। इसका मतलब है कि बैंक अब अपने ग्राहकों से पहले की ही तरह शुल्क ( bank rules in unlock ) वसूल सकते हैं।
1 जुलाई से शुरू और बैंक खाते के प्रकार के आधार पर बैंकों ने मेट्रो शहरों में अपने एटीएम से निकासी की सीमा को आठ-पांच तक जबकि अन्य बैंक एटीएम से तीन तक सीमित कर दिया है। नॉन-मेट्रो शहरों में ग्राहक अपने और अन्य बैंकों के एटीएम का पांच बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे ज्यादा इस्तेमाल पर बैंक विभिन्न वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 5 से 20 रुपये शुल्क के साथ जीएसटी भी अलग से चार्ज करेंगे। इनमे शेष खाता राशि की जांच करना भी शामिल है।
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हालांकि सैलरी अकाउंट्स के लिए ज्यादातर मामलों में स्वयं या अन्य एटीएम का उपयोग करने के लिए कोई शुल्क नहीं होगा और न्यूनतम शेष राशि ( minimum balance necessary ) भी शून्य रखना संभव है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के लिए सामान्य बचत खाते के लिए न्यूनतम शेष राशि 25,000 रुपये तक हो सकती है। हालांकि निजी बैंकों में न्यूनतम बैलेंस 1,00,000 रुपये से अधिक भी हो सकता है।
हालांकि बैंक खुद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा दी गई नियमों में ढील का मजा उठा रहे हैं। बैंकिंग नियामक ने पहले ही बैंकों को अगली कुछ तिमाहियों में मोरैटोरियम के तहत ऋण के लिए अपने अतिरिक्त प्रावधान का प्रसार करने की अनुमति दी थी।
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