
Unlock 2.0 discussed in PM Modi meeting with CMs
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus outbreak in india ) को लेकर देश भर में लागू तमाम उपायों और लॉकडाउन ( coronavirus lockdown ) को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को दूसरे चरण की वार्ता की। 15 प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा ( PM Modi Meeting With CMs ) के दौरान पीएम मोदी ने अनलॉक के अगले चरण ( Unlock 2.0 ) की योजना बनाने का विचार रखा। इस दौरान पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देशवासियों के अनुशासन ने कोरोना वायरस को कई गुना बढ़न से रोकने में मदद की है।
बैठक की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, "Unlock 1.0 के बाद ये हमारी पहली मुलाकात है। देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में Unlock 1.0 के अनुभवों पर कल मेरी विस्तार से चर्चा हुई है। ये वास्तविकता है कि कोरोना का फैलाव कुछ बड़े राज्यों, बड़े शहरों में अधिक है। कुछ शहरों में अधिक भीड़, छोटे-छोटे घर, गलियों-मोहल्लों में फिजिकल डिस्टेंसिंग की कमी, हर रोज हजारों लोगों की आवाजाही, इन बातों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।"
पीएम मोदी ने इस दौरान सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि बीते कुछ वक्त से सामने आ रही लॉकडाउन लागू करने की अफवाहों को थामने की जरूरत है। इसके साथ ही सभी को Unlock 2.0 पर योजना बनानी चाहिए।
हालांकि उन्होंने नागरिकों की प्रशंसा करते हुए कहा, "फिर भी हर देशवासी के संयम, अनेक जगहों पर प्रशासन की तत्परता और हमारे कोरोना योद्धाओं के समर्पण की वजह से हमने हालात ( Coronavirus in india ) को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने दिया है। समय पर ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और रिपोर्टिंग के कारण हमारे यहां संक्रमण से रिकवर होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये राहत की बात है कि आईसीयू और वेंटिलेटर केयर की ज़रूरत भी बहुत कम मरीजों को पड़ रही है।"
जनता का अनुशासन रहा कारगर
उन्होंने कहा, "समय पर उठाए गए सही कदमों के कारण हम सभी इस बड़े खतरे का मुकाबला कर पाए हैं। लॉकडाउन के दौरान देश की जनता ने जो अनुशासन दिखाया है, उसने वायरस की तेजी से बढ़ोतरी को रोका है। चाहे इलाज की व्यवस्था हो, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हो या प्रशिक्षित मानवश्रम, आज हम कहीं ज्यादा संभली हुई स्थिति में हैं।"
पीएम ने बताया, "आप भी इससे परिचित हैं कि सिर्फ तीन महीने पहले पीपीई किट ( PPE ) के लिए, डायग्नोस्टिक किट के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया के अनेक देशों में हाहाकार मचा हुआ था। भारत में भी बहुत लिमिटेड स्टॉक था, क्योंकि हम पूरी तरह से इंपोर्ट पर निर्भर थे। आज स्थिति ये है कि पूरे देश में 1 करोड़ से अधिक पीपीई और इतने ही N95 मास्क राज्यों तक पहुंचाए जा चुके हैं। हमारे पास डायग्नोस्टिक किट का पर्याप्त स्टॉक है और इनकी उत्पादन क्षमता भी बहुत बढ़ाई गई है। अब तो पीएम-केयर्स फंड के तहत भारत में ही बने वेंटिलेटर्स की सप्लाई भी शुरू हो चुकी है।"
दिन-रात काम
पीएम ने कहा, "आज पूरे देश में कोरोना की 900 से ज्यादा टेस्टिंग लैब हैं, लाखों कोविड स्पेशल बेड हैं, हजारों क्वारंटीन और आइसोलेशन सेंटर्स हैं और मरीजों की सुविधा के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई भी है। लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में ह्युमन रिसोर्स को प्रशिक्षित किया गया है। सबसे बड़ी बात आज देश का हर नागरिक इस वायरस के प्रति पहले से ज्यादा सचेत हुआ है, जागरूक हुआ है। ये सबकुछ राज्य सरकारों के सहयोग से, स्थानीय प्रशासन के दिन-रात काम करने की वजह से ही संभव हो पाया है।"
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और टेस्टिंग
देश के मौजूदा तंत्र को लेकर प्रधानमंत्री बोले, "कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीत का विश्वास दिलाने वाली इन बातों के बीच, हमें हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, इंफॉर्मेशन सिस्टम्स, इमोशनल सपोर्ट और जन सहयोगपर इसी तरह निरंतर बल देना होगा। कोरोना के बढ़ते हुए मरीजों की संख्या को देखते हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना, हर जीवन को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ये तभी होगा जब कोरोना के प्रत्येक मरीज को उचित इलाज मिलेगा। इसके लिए हमें टेस्टिंग पर और अधिक बल देना है, ताकि संक्रमित व्यक्ति को हम जल्द से जल्द ट्रेस और ट्रैक और आइसोलेट कर सकें। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि हमारी अभी की जो मौजूदा टेस्टिंग क्षमता है उसका पूरा इस्तेमाल हो और निरंतर उसको बढ़ाया भी किया जाए।"
टेलीमेडिसिन की जरूरत
पीएम के मुताबिक, "बीते दो-तीन महीने में काफी संख्या में क्वारंटीन और आइसोलेशन सेंटर्स का निर्माण हुआ है। इसकी गति हमें और बढ़ानी होगी ताकि कहीं पर भी मरीजों को बेड की दिक्कत न आए। कोरोना के इस टाइम में टेलीमेडिसिन का महत्व भी बहुत बढ़ गया है। चाहे वो होम क्वारंटीन या आइसोलेशन में रह रहे साथी हों, या फिर दूसरी बीमारियों से पीड़ित हों, सभी को टेलीमेडिसिन का भी लाभ मिले, इसके लिए हमें अपने प्रयास बढ़ाने होंगे।"
सूचना की जरूरत
पीएम ने कहा, "ये आप भी भली-भांति जानते हैं कि किसी भी महामारी से निपटने में सही समय पर सही सूचना का बहुत महत्व होता है। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना है कि हमारी हेल्पलाइनें उपयोगी हों, हेल्पलेस नहीं। जैसे हमारे मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ हॉस्पिटल में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, वैसे ही हमें वरिष्ठ चिकित्सकों की बड़ी टीमें तैयार करनी होंगी जो टेलीमेडिसिन के माध्यम से बीमारों को निर्देशित कर सकें, उन्हें सही सूचना दे सके। इसके अलावा हमें युवा स्वयंसेवियों की फौज भी जुटानी होगी जो पब्लिक के लिए प्रभावी रूप से हेल्पलाइन चला सकें।"
आरोग्य सेतु ऐप
पीएम ने बताया कि जिन राज्यों में आरोग्य सेतु ऐप ज्यादा डाउनलोड हुआ है, वहां बहुत ही सकारात्मक परिणाम मिले हैं। हमें लगातार कोशिश करनी है कि आरोग्य सेतु ऐप की रीच बढ़े, ज्यादा से ज्यादा लोग इसे डाउनलोड करें। हमें ये भी ध्यान रखना है कि अब देश में धीरे-धीरे मॉनसून आगे बढ़ रहा है। इस सीज़न में जो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, उनसे निपटना भी बहुत जरूरी है, वरना वो बहुत बड़ी चुनौती बन सकती हैं।
बीमारी कलंक नहीं है
पीएम के मुताबिक कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई का एक इमोशनल पहलू भी है। संक्रमण के डर से, इससे पैदा हुए स्टिग्मा से हम अपने नागरिकों को कैसे बाहर निकालें, इसके लिए भी हमें प्रयास करना है। हमें अपने लोगों को ये विश्वास दिलाना है कि कोरोना को परास्त करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है और ये तेजी से बढ़ भी रही है। इसलिए किसी को कोरोना हो भी गया है, तो वो घबराए नहीं। जो हमारे कोरोना वारियर्स ( Corona warriors ) हैं, हमारे डॉक्टर हैं, दूसरे हेल्थ वर्कर्स हैं, उनके लिए भी ज़रूरी सुविधाओं को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। उनकी हर स्तर पर देखरेख करना, ये हम सभी का, पूरे राष्ट्र का दायित्व है।
एकजुट प्रयास
पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में समाज के कई तबकों ने, हर क्षेत्र से जुड़े लोगों, सिविल सोसायटी के लोगों को भी हमें निरंतर प्रोत्साहित करते रहना है। उनकी इस पूरी लड़ाई में प्रशंसनीय भूमिका रही है। हमारे पब्लिक स्पेस में, हमारे दफ्तरों में मास्क या फेसकवर, फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन की प्रक्रिया को बार-बार लोगों को याद दिलाना है, इसमें किसी को लापरवाही नहीं करने देना है।
बेहतर प्रयासों की सराहना
अनेक राज्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत सराहनीय काम कर रहे हैं। इन राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस हैं, जिनको शेयर करना ज़रूरी है। मुझे विश्वास है कि हर राज्य अपने अनुभव और अपने सुझाव, यहां खुले मन से रखेंगे। जिससे आने वाले दिनों में एक बेहतर रणनीति बनाने में हम सभी को मदद मिलेगी।
Updated on:
17 Jun 2020 11:13 pm
Published on:
17 Jun 2020 06:57 pm
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