
अभिभावकों की लिखित सहमति से ही खोले जाएंगे स्कूल, सभी विद्यालयों में मेडिकल रूम का होना आवश्यक
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले करीब 8 महीने से बंद स्कूल खुलने की उम्मीद बढ़ती जा रही है। अक्टूबर में अनलॉक 5.0 के दिशानिर्देशों के तहत दी गई अनुमति के चलते राजधानी में भी स्कूल ( delhi schools ) प्रशासन इन्हें फिर से खोलने की तैयारियां करने में जुट गए हैं।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा बीते सोमवार को दिशानिर्देश जारी कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को से यह कहा गया है कि वे हालात देखकर स्कूलों में स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा के लिए व्यवस्था करने का काम करें। कोरोना महामारी और सरकार की गाइडलाइंस के चलते स्कूलों में अब कुछ बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को इससे दूर रखा जा सके।
दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अल्का कपूर के मुताबिक, "स्कूल के गेट पर छात्रों के जूते सैनेटाइज करने, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान, टच लेस वाटर टैप और थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं। स्कूल की दो कक्षाओं को आइसोलेशन रूम में बदल दिया गया है ताकि अगर किसी बच्चे में लक्षण मिलें तो उसे उस कमरे में बिठाया जा सके। इसके साथ ही कक्षा में हाजिर और ऑनलाइन छात्र एक साथ पढ़ाई कर सकें, इसलिए वेबकैम भी लगाए गए हैं।"
हालांकि कोरोना महामारी के खतरे के बीच स्कूलों की तरफ से किये गए सर्वेक्षण में करीब 15 फीसदी माता-पिता ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार पाए गए हैं। अब, जब राज्य सरकार की भी गाइडलाइंस आ गई हैं, स्कूलों की तरफ से एक बार फिर सर्वे कराया जाएगा।
मौजूदा हालात के मद्देनजर फिलहाल बच्चों को परिवहन की सुविधा नहीं दी जा सकेगी। इस बारे में स्कूल प्रशासन का कहना है कि सारी बसें लंबे समय से खड़ी हुई हैं और इनकी सर्विस होना बाकी है। जबकि शुरुआती दौर में छात्रों के भी स्कूल में कम ही संख्या में आने की उम्मीद है।
दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका बरारा ने कहा, "सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक ही स्कूल प्रशासन सावधानी बरतेगा। स्कूल में स्वास्थ्य कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे और स्कूल के स्टाफ और छात्रों पर नजर रखेंगे। बच्चों के माता-पिता के हम सभी संपर्क में हैं और उनकी अनुमति के बाद ही छात्र स्कूल में आ सकेंगे।"
गौरतलब है कि आगामी 15 अक्टूबर से स्कूलों को चरणबद्ध ढंग से खोलने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए थे और कहा गया था कि स्कूलों के फिर से खुलने के तीन सप्ताह तक छात्रों का कोई मूल्यांकन नहीं होगा। इसके अलावा इस बात के भी निर्देश दिए गए हैं कि माता-पिता की लिखित सहमति से ही बच्चे स्कूल जा सकेंगे और स्कूल परिसर को पूरी तरह साफ-सुथरा व संक्रमणमुक्त रखना होगा।
स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी होगा। यह छात्र की मर्जी है कि चाहे तो वह स्कूल आए या फिर ऑनलाइन पढ़ाई करे। कोरोना के स्थानीय हालात को देखते हुए अपने मुताबिक भी मानक तैयार कर सकते हैं। देशभर में कोरोना वायरस महामारी के चलते बीते 16 मार्च से स्कूल बंद हैं।
Updated on:
10 Oct 2020 06:30 am
Published on:
09 Oct 2020 09:27 pm
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