नृपेंद्र मिश्रा करेंगे राम मंदिर निर्माण की देखरेख, मोदी 1.0 में थे पीएम के प्रमुख सचिव पीठ ने कहा- कोई मामला नहीं बनता पीठ ने अपने आदेश में कहा कि- ‘हमने सुधारात्मक याचिका और प्रासंगिक दस्तावेजों पर गौर किया है। हमारी राय में, कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए, सुधारात्मक याचिका खारिज की जाती है।’ इससे पहले, नौ फरवरी 2017 को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2:1 के बहुमत वाले फैसले में 78 वर्षीय सुशील अंसल को आयु संबंधी दिक्कतों के चलते उसके जेल में रहने की अवधि के बराबर सजा देकर राहत दे दी थी। पीठ ने हालांकि उसके छोटे भाई गोपाल अंसल से मामले में शेष बची एक साल की सजा पूरी करने को कहा था।
निर्भया केस: दोषी विनय ने तिहाड़ जेल की दीवार पर पटका सिर, मामूली चोटें यह है मामला बता दें, एवीयूटी ने सुधारात्मक याचिका दायर करके इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने का अनुरोध किया था। साल 1997 में 13 जून को राजधानी दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमाघर में आग लग गई थी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सिनेमा में तब ‘बॉर्डर’ फिल्म लगी हुई थी। लोग फिल्म देख रहे थे उसी दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफार्मर कक्ष में आग लग गई। घटना की जांच पर पता चला कि सिनेमाघर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे।