
देश में कोरोना के प्रकोप के बीच तबलीगी जमात के लोगों ने मरकज में इकट्ठे होकर इस महामारी को ओर रफ्तार दे दी। सरकार की अपीलों के बाद भी ज्यादातर जमाती सामने नहीं आ रहे। यहां तक कि जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम को भी मरकज के लोग सहयोग नहीं कर रहे। ऐसे में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस ने ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
आज आधी रात से शुरू होगी कार्रवाई
यदि जमाती सामने नहीं आए तो 6-7 मार्च की मध्य रात्रि से उत्तराखंड पुलिस 'तबलीगी-तंत्र' को तहस-नहस करने पर उतर आएगी। राज्य पुलिस ने इलाके में छिपे तबलीगियों को ऐलान करके आगाह कर दिया है कि वे या तो खुद ही अपने आपको पुलिस अथवा स्वास्थ्य विभाग की टीमों के हवाले कर दें। वरना आज आधी रात के बाद पुलिस उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने को आजाद होगी। वो भी हल्की कानूनी धाराओं में नहीं। सीधे-सीधे पहले हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा-307) और अगले कदम के तहत सीधे-सीधे हत्या (आईपीसी की धारा-302) यानी कत्ल का मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।
हिमाचल में भी आज तक दिया था अल्टीमेटम
हिमाचल प्रदेश प्रशासन ने भी जमातियों को खुद को पुलिस को सौंपने का आज तक का अल्टीमेटम दिया था। हिमाचल पुलिस के डीजीपी सीता राम मरडी के अनुसार- अगर विदेश से लौटे और तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों ने आज शाम पांच बजे तक अपनी सूचना नहीं दी और उनकी वजह से किसी की मौत हुई तो ऐसे लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज होगा।
'जाघन्य अपराध कर रहे हैं जमाती'
उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजी पुलिस) अनिल कुमार रतूड़ी के अनुसार- पुलिस की किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। कोरोना के कारण समाज बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में भी संदिग्ध तबलीगी जमात से जुड़े लोग अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। तमाम तबलीगी यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी खुद को समाज के लोगों से अलग करने के बजाय छिपने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह कृत्य किसी जघन्य अपराध से कम नहीं है।"
'जमातियों ने पुलिस को कार्रवाई के लिए मजबूर किया'
डीजीपी ने कहा कि- राज्य पुलिस का हर थाना चौकी और उन पर तैनात इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही-हवलदार तक संदिग्ध तबलीगियों से बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि, वे खुद को स्वास्थ्य विभाग या पुलिस टीमों के हवाले कर दें। ताकि वक्त रहते उन्हें क्वारंटाइन करवाकर कम से कम बाकी स्वस्थ लोगों को कोरोना पॉजिटिव होने से बचाया जा सके। इन तमाम गुजारिशों का तबलीगियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। लिहाजा अपने खिलाफ हत्या की कोशिश और जरूरत पड़ने पर पुलिस को हत्या तक की धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज करने को तबलीगियों ने ही मजबूर किया है।
पुलिस ने 5 अप्रैल को जारी किया था आदेश
राज्य पुलिस महानिदेशालय की ओर से 5 अप्रैल को एक आदेश जारी किया गया था। आदेश में राज्य में छिपकर रह रहे तबलीगियों से कहा गया था कि वे 6 अप्रैल, सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि तक खुद को स्वास्थ्य विभाग या फिर पुलिस के हवाले कर दें ताकि उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि- इस आदेश के बाद सोमवार-मंगलवार आधी रात के बाद राज्य के किसी भी कोने में कोई छिपा हुआ कोरोना संदिग्ध तबलीगी मिला, तो पुलिस उसके खिलाफ सीधे-सीधे आईपीसी की धारा 307 यानी हत्या की कोशिश का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार करके क्वारंटाइन कराएगी। डीजीपी रतूड़ी के मुताबिक- जिस इलाके में तबलीगी छिपा होगा, उस इलाके में कोरोना से किसी की मौत होगी, तो उस मौत की जिम्मेदारी सीधे-सीधे इलाके से पकड़े गए तबलीगी की ही मानी जाएगी।
Updated on:
06 Apr 2020 08:13 pm
Published on:
06 Apr 2020 07:52 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
