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उत्तराखंडः बाढ़ और बारिश में देवदूत बने एसडीआरएफ के जवान

मूसलाधार बरसात के चलते रास्ते में पड़ने वाले एक गदेरे ने ऐसा विकराल रूप ले रखा था कि बड़ी सी बड़ी वस्तु तिनके की तरह बही जा रही थी।

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उत्तराखंडः बाढ़ और बारिश में देवदूत बन गए हैं एसडीआरएफ के जवान

देहरादून। राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के बीच एसडीआरएफ के जवान लोगों के लिए देवदूत साबित हो रहे हैं। लोगों के लिए देवदूत साबित होने के एक ऐसे ही वाकये में एसडीआरएफ के जवानों ने उत्तरकाशी जिले के थराली गांव में फंसे 500 कांवड़ियों को रोप और वैकल्पिक पुल के बीच से सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान जवानों ने खुद की जान जोखिम में डालने से कोई गुरेज न की।

मूसलाधार बारिश के कारण थराली गांव में पानी व मलबे से मोटर मार्ग बाधित हो गए। इस मार्ग पर 500 कांवड़ियों का एक जत्था फंस गया। कांवडि़ए गंगोत्री से जल भरकर लौट रहे थे। मूसलाधार बरसात के चलते रास्ते में पड़ने वाले एक गदेरे ने ऐसा विकराल रूप ले रखा था कि बड़ी सी बड़ी वस्तु तिनके की तरह बही जा रही थी। ऐसी स्थिति में एसडीआएफ के जवानों ने स्थिति को संभालते हुए वहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और देखते ही देखते सभी 500० कांवडियों को सुरक्षित निकाल लिया।

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इस बीच बच्चे उत्तरकाशी के डूंडा इलाके में एक लड़के के बहने की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत समय न गंवाते हुए बच्चें को ढूंढने लगे। जिस जगह बच्चे के बहने की बात बताई जा रही थी, वहां पानी के बहने की आवाज ही किसी के दिल में दहशत पैदा कर देने के लिए काफी थी। बावजूद इसके एसडीआरएफ के ये जवान अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना मोर्चा संभाले लिया और कुछ देर में बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया। चाहे हरिद्वार में कांवडियों को डूबते हुए गंगा नदी से निकालना हो या फिर दून में सोंग नदी की बाढ़ से लोगों को सुरक्षित निकालना जवान दिन रात तैनात हैं लोगों कि सुरक्षा में।

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