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Vande Bharat Abhiyan : विदेश में फंसे 3.6 लाख से ज्यादा Indians वापस आए, चौथा चरण 3 जुलाई से

5,13,047 भारतीयों ने विदेशों में Indian Missions के पास स्वदेश वापसी के लिए अपने अनुरोध दर्ज कराए हैं। 84,000 से अधिक Indians नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से जमीनी सीमा आव्रजन चौकियों से वापस लौटे हैं। खाड़ी देशों में केवल यूएई के पास पूरी तरह से जांच की व्यवस्था है। कतर सीमित स्तर पर जांच सुविधा मुहैया करा रहा है।

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5,13,047 भारतीयों ने विदेशों में Indian Missions के पास स्वदेश वापसी के लिए अपने अनुरोध दर्ज कराए हैं।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) की वजह से विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ( Central Government ) ने 7 मई को वंदे भारत अभियान ( Vande Bharat Abhiyan ) की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत अभी तक 3.6 लाख से अधिक भारतीय विदेश से वापस आ चुके हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ( External Affairs Ministry spokesman Anurag Shrivastava ) ने कहा कि कुल 5,13,047 भारतीयों ने विदेशों में भारतीय मिशनों के पास स्वदेश वापसी के लिए अपने अनुरोध दर्ज कराए हैं। उनमें से अभी तक 3,64,209 लोग वंदे भारत अभियान के तहत लौट आए हैं।

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पड़ोसी देशों से लौटे 84,000

पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों की वापसी जमीनी सीमाओं ( Ground borders ) से भी हो रही है। इस प्रक्रिया के तहत अभी तक 84,000 से अधिक भारतीय नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से जमीनी सीमा आव्रजन चौकियों से वापस लौटे हैं।

50 से अधिक देशों से 1.50 लाख भारतीय वापस आए

एमईए के प्रवक्ता ( MEA spokesperson ) ने कहा कि वंदे भारत मिशन के पहले तीन चरणों में 5 महाद्वीपों में 50 से अधिक देशों से लगभग 875 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ( International flights ) परिचालन के लिए निर्धारित की गईं थीं। इनमें से अब तक 700 से अधिक उड़ानें भारत पहुंच चुकी हैंं। इन उड़ानों के जरिए लगभग 1,50,000 भारतीय वापस आए हैं। तीसरे चरण के तहत शेष 175 उड़ानों के आने वाले दिनों में पहुंचने की उम्मीद है।

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उन्होंने कहा कि वंदे भारत अभियान की उड़ानों के तहत विदेश में फंसे भारतीयों की तत्काल जरूरतों को पूरा किया है। हवाई सेवा के अलावे विभिन्न स्थानों पर फंसे नौसैनिकों और शिपिंग कंपनियों के क्रू को भी वापस लाया गया है। अब तक 1,30,061 लोग इन उड़ानों पर लौट चुके हैं। इन उड़ानों की मांग बहुत अधिक है, विशेषकर खाड़ी क्षेत्र में। इसलिए, हम इस प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

खाड़ी देशों में जांच की सुविधा बहुत कम है

श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए आईएनएस जलाश्व ( INS Jalashv ) 24 जून को ईरान में बंदरअब्बास बंदरगाह पहुंचा। खाड़ी देशों में भारतीय मिशनों से संपर्क के बाद विदेश मंत्रालय ने राज्य सरकार को बताया कि इस संबंध में कुछ वास्तविक समस्याएं हैं।

केवल यूएई के पास है जांच की पूरी व्यवस्था

मौजूदा समय में सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात ( UAE ) के पास ही पूरी तरह से जांच की व्यवस्था है। कतर सीमित स्तर पर जांच सुविधा मुहैया करा रहा है। इस क्षेत्र में अन्य देशों में यात्रा पूर्व जांच कराना संभव नहीं है। इसमें खर्च, समय और जांच की उपलब्धता संबंधी दिक्कतें हैं।

3 जुलाई से चौथा चरण होगा शुरू

वंदे भारत मिशन का चौथा चरण ( Fourth phase of Vande Bharat Mission ) 3 जुलाई से आरंभ होगा। अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वंदे भारत मिशन के चरण चार को 3 जुलाई से प्रभावी कर दिया गया है। चरण चार में उन देशों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां अभी भी हमारे पास बड़ी संख्या में भारतीय हैं, जिन्होंने वापसी के लिए पंजीकरण कराया है। इन देशों में मलेशिया, सिंगापुर अन्य शामिल हैं।


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