होटल में दी रकम-
बयान में कहा गया, मैंने टीआरपी रेटिंग में हेरफेर सुनिश्चित करने के लिए अपनी टीम के साथ काम किया। जिससे चैनल को नंबर 1 रेटिंग मिली। यह काम 2017 से 2019 तक चलता रहा। इसके बदले 2017 में चैनल के एमडी लोवर परेल स्थित सेंट रेजिस होटल में मुझसे मिले और मेरी फ्रांस व स्विट्जरलैंड की फैमिली ट्रिप के लिए 6000 डॉलर दिए। फिर 2019 में भी मुझसे सेंट रेजिस में व्यक्तिगत रूप से मिले और मेरी स्वीडन व डेनमार्क की फैमिली ट्रिप के लिए 6000 डॉलर दिए। 2017 में वह मुझसे आईटीसी परेल ***** में मिले और 20 लाख रुपये नकद दिए। 2018 और 2019 में एमडी ने होटल आइटीसी परेल में मुझसे मिलकर 10-10 लाख रुपये दिए।
खेल के पीछे 75 हजार करोड़ का बाजार –
दरअसल, देश में मीडिया इंडस्ट्री का विज्ञापन कारोबार करीब 75 हजार करोड़ का है और माना जा रहा है कि 2025 तक यह एक लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है। इस बजट में किस मीडिया कंपनी को कितना हिस्सा मिलेगा यह उन कंपनियों की रिपोर्ट के आधार पर तय होता है, जो मीडिया को नापने का काम करती हैं। इन कंपनियों पर किसी का नियमन भी नहीं है। ऐसे में इन कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट को प्रभावित करने का आरोप पहले भी लगते रहे हैं और इनके तरीकों पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यह भी उठता है कि क्या मीडिया को नापने वाली कंपनियों कुछ को फायदा और नुकसान पहुंचाने का खेल खेल रही हैं?
अच्छी रेटिंग के बदले मदद का वादा –
बयान में कहा, मैं चैनल के एमडी को 2004 से जानता हूं। हम टाइम्स नाउ में साथ में काम करते थे। मैं 2013 में सीईओ के पद पर बार्क में आया। चैनल 2017 में लॉन्च किया। लॉन्चिंग से पहले ही उसने मुझे लॉन्चिंग प्लान के बारे में बताया था और इशारों-इशारों में उसके चैनल के लिए अच्छी रेटिंग देने में मदद मांगी थी। वह जानते थे कि मुझे पता है कि टीआरपी सिस्टम कैसे काम करता है। उन्होंने भविष्य में मेरी मदद की बात कही।’ पार्थ के बयान पर उनके वकील अर्जुन सिंह ने कहा, ‘हम इस बयान को पूरी तरह नकारते हैं क्योंकि यह दबाव में दर्ज किया गया होगा। कोर्ट में इसकी कोई प्रमाणिकता नहीं है।