script‘हमने 40 लाख लेकर टीआरपी में की हेरफेर’ | 'We manipulated TRP with 40 lakhs' | Patrika News

‘हमने 40 लाख लेकर टीआरपी में की हेरफेर’

locationनई दिल्लीPublished: Jan 26, 2021 02:29:36 pm

– बार्क के पूर्व सीईओ का कबूलनामा ।- मीडिया सर्वे कंपनियों के सहारे अपना मीडिया बजट तय करती हैं कंपनियां, उनकी विश्वसनीयता दांव पर।- पूरक चालान में मुंबई पुलिस का बड़ा खुलासा।

'हमने 40 लाख लेकर टीआरपी में की हेरफेर'

‘हमने 40 लाख लेकर टीआरपी में की हेरफेर’

मुंबई । टीवी की रेटिंग नापने वाली कंपली बार्क के टीआरपी घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। बार्क के पूर्व सीईओ पार्थदास गुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए अपने लिखित बयान में स्वीकारा है कि मुंबई स्थित देश के एक प्रमुख चैनल की टीआरपी फिक्स करने के एवज में उन्हें चैनल के एमडी और प्रधान संपादक ने तीन साल में 40 लाख रुपए दिए हैं। यह रकम कुछ टुकड़ों में पार्थ को नकद दी गई। बार्क के खिलाफ हुए इस खुलासे के बाद उन कंपनियों पर भी सवाल उठ रहे हैं जो मीडिया को मापने का काम करती हैं। इनमें अखबारों की रीडरशिप से लेकर रेडियो के श्रोताओं की संख्या बताने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।

दरअसल, इन सर्वे कंपनियों की रिपोर्ट के आधार पर देश की बड़ी कंपनियां अपना मीडिया बजट तय करती हैं। ऐसे में इनको प्रभावित करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने 11 जनवरी को 3,600 पेज का पूरक चालान पेश किया, जिसमें बार्क की एक फरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट, पार्थ दासगुप्ता और एक चैनल के एमडी के बीच कथित वॉट्सऐप चैट और पूर्व काउंसिल कर्मचारी और केबल ऑपरेटर समेत 59 लोगों के बयान शामिल हैं। पूरक चालान में साफ कहा गया है कि पार्थ के बयान 7 दिसंबर 2020 को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के दफ्तर में दो गवाहों की मौजूदगी में शाम सवा पांच बजे रेकॉर्ड किया गया था। चालान पार्थ, पूर्व बार्क सीओओ और चैनल के सीईओ के खिलाफ दर्ज हुआ है। पहली चार्जशीट 12 लोगों के खिलाफ नवंबर 2020 में दर्ज हुई थी। कुल मिलाकर इसमें एक बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि इस तरह के खेल में बड़े लोग ही शामिल होते रहे हैं।

'हमने 40 लाख लेकर टीआरपी में की हेरफेर'

होटल में दी रकम-
बयान में कहा गया, मैंने टीआरपी रेटिंग में हेरफेर सुनिश्चित करने के लिए अपनी टीम के साथ काम किया। जिससे चैनल को नंबर 1 रेटिंग मिली। यह काम 2017 से 2019 तक चलता रहा। इसके बदले 2017 में चैनल के एमडी लोवर परेल स्थित सेंट रेजिस होटल में मुझसे मिले और मेरी फ्रांस व स्विट्जरलैंड की फैमिली ट्रिप के लिए 6000 डॉलर दिए। फिर 2019 में भी मुझसे सेंट रेजिस में व्यक्तिगत रूप से मिले और मेरी स्वीडन व डेनमार्क की फैमिली ट्रिप के लिए 6000 डॉलर दिए। 2017 में वह मुझसे आईटीसी परेल ***** में मिले और 20 लाख रुपये नकद दिए। 2018 और 2019 में एमडी ने होटल आइटीसी परेल में मुझसे मिलकर 10-10 लाख रुपये दिए।

खेल के पीछे 75 हजार करोड़ का बाजार –
दरअसल, देश में मीडिया इंडस्ट्री का विज्ञापन कारोबार करीब 75 हजार करोड़ का है और माना जा रहा है कि 2025 तक यह एक लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है। इस बजट में किस मीडिया कंपनी को कितना हिस्सा मिलेगा यह उन कंपनियों की रिपोर्ट के आधार पर तय होता है, जो मीडिया को नापने का काम करती हैं। इन कंपनियों पर किसी का नियमन भी नहीं है। ऐसे में इन कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट को प्रभावित करने का आरोप पहले भी लगते रहे हैं और इनके तरीकों पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यह भी उठता है कि क्या मीडिया को नापने वाली कंपनियों कुछ को फायदा और नुकसान पहुंचाने का खेल खेल रही हैं?

अच्छी रेटिंग के बदले मदद का वादा –
बयान में कहा, मैं चैनल के एमडी को 2004 से जानता हूं। हम टाइम्स नाउ में साथ में काम करते थे। मैं 2013 में सीईओ के पद पर बार्क में आया। चैनल 2017 में लॉन्च किया। लॉन्चिंग से पहले ही उसने मुझे लॉन्चिंग प्लान के बारे में बताया था और इशारों-इशारों में उसके चैनल के लिए अच्छी रेटिंग देने में मदद मांगी थी। वह जानते थे कि मुझे पता है कि टीआरपी सिस्टम कैसे काम करता है। उन्होंने भविष्य में मेरी मदद की बात कही।’ पार्थ के बयान पर उनके वकील अर्जुन सिंह ने कहा, ‘हम इस बयान को पूरी तरह नकारते हैं क्योंकि यह दबाव में दर्ज किया गया होगा। कोर्ट में इसकी कोई प्रमाणिकता नहीं है।

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