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Weather Forecast : इस बार मॉनसून समय से पहले वापसी की राह पर, जानें विदाई से पहले का रुख

आईएमडी के मुताबिक मॉनसून की वापसी सितंबर के दूसरे सप्ताह से जारी है। दिल्ली एनसीआर में भी वापसी के संकेत मिल चुके हैं। कभी-कभी मॉनसून की वापसी अक्तूबर महीने में भी होती है।

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आईएमडी के मुताबिक मॉनसून की वापसी सितंबर के दूसरे सप्ताह से जारी है।

नई दिल्ली। हर बार की तरह इस बार भी मॉनसून ( Monsoon ) वापसी की राह पर है। अमूमन दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जून से शुरू होकर सितंबर तक चलता है। यानि सितंबर माह मॉनसून की विदाई का महीना है, लेकिन आगमन और विदाई का समय थोड़ा आगे-पीछे होता रहता है। फिलहाल मॉनसून की वापसी शुरू हो चुकी है।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मॉनसून की वापसी की समय सीमा 1 सितंबर तय की गई थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 17 सितंबर कर दिया गया। यह बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि इस बार मॉनसून सितंबर के दूसरे पखवाड़े में ही वापसी की राह पर निकला है। कभी-कभी इसकी वापसी सितंबर के आखिर में भी शुरू हुई है।

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जहां तक दिल्ली एनसीआर की बात है तो आमतौर पर सितंबर के आखिर तक मॉनसून वापस लौट जाता है। कभी-कभी मॉनसून की वापसी अक्तूबर महीने में भी हुई है। वैसे मॉनसून की वापसी सबसे पहले पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है। पश्चिमी राजस्थान के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और जम्मू कश्मीर से भी मॉनसून लौट जाता है।

मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून की वापसी का कोई तय मापदंड नहीं है। मॉनसून के वापसी का समय, रफ़्तार और प्रक्रिया भी निश्चित नहीं है लेकिन इतना तय है कि 1 सितंबर से पहले मॉनसून वापस नहीं होता है।

मॉनसून की वापसी के संकेत

किसी क्षेत्र से मॉनसून की वापसी तब मान ली जाती है जब लगातार 5 दिन से बारिश न हो। हवाओं का रुख बदलकर पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी की ओर जाए, साथ ही निचले स्तर पर हवा का रुख एंटी साइक्लोनिक हो जाए, नमी में गिरावट आए और तापमान में वृद्धि हो जाए। इन सबके अलावा बादल भी कम होने लगे।

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इसका मतलब यह भी नहीं होता कि बारिश बिलकुल ही नहीं होगी। मॉनसून की वापसी के बाद किसी अन्य मौसमी कारण से बारिश हो सकती है। इसी तरह से मॉनसून के वापस न होने का मतलब यह नहीं है कि बारिश होती रहे, जैसा हमे उत्तर भारत में देखने को मिला है।

नई तिथि के मुताबिक उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी में लगभग एक सप्ताह की देरी हो चुकी है लेकिन बारिश लगभग दो हफ़्तों से बंद है। मध्य भारत से मॉनसून के विदा होते-होते अक्तूबर का मध्य आ जाता है। यही वह समय है जब दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मॉनसून का आगमन होता है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 15 अक्तूबर तक मॉनसून वापस होता है।