
What is the 'Green War Room' of Delhi Government? Will it be effective in curbing pollution?
नई दिल्ली। हर साल की तरह दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत से पहले वायु गुणवत्ता बिगड़नी शुरू हो गई है। इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते दिल्ली की आबोहवा काफी सुधरी रही और बुधवार को ही जून के बाद पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब श्रेणी में पहुंचा।
हालांकि दिल्ली सरकार ने इस बार समय रहते ही वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है और कई कदम उठाए हैं। गुरुवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर के प्रदूषण स्तर की निगरानी के लिए दिल्ली सचिवालय में एक 'ग्रीन वार रूम' ( Green War Room ) का उद्घाटन भी किया।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इसके लिए ग्रीन वार रूम में एक 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। यह टीम प्राथमिक प्रदूषकों के स्तर, प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपायों और हरित दिल्ली मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से प्राप्त शिकायतों की स्थिति की निगरानी करेगी। इस ग्रीन वार रूम में पड़ोसी राज्यों में खेत में पराली में आग लगाए जाने से संबंधित सैटेलाइट डेटा का भी विश्लेषण किया जाएगा।
दरअसल, राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियां काम कर रही हैं। राय ने बताया कि इन एजेंसियों के प्रयासों को कोऑर्डिनेट करने के लिए ही इस ग्रीन वार रूम की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि यह नियंत्रण कक्ष निर्माण और विध्वंस स्थलों, रेडी-मिक्स कंक्रीट प्लांट और कचरा जलाने पर और धूल प्रदूषण की जांच के लिए दिशानिर्देशों के सख्त प्रवर्तन को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा। राय ने बताया, "यह धूल रोकने के लिए अभियान 15 अक्टूबर तक मिशन मोड में जारी रहेगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि शहर में 13 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण का स्तर और उन्हें नीचे लाने के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी ग्रीन रूम के माध्यम से भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राप्त शिकायतों और शिकायतों के निवारण की दैनिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजी जाएगी।
Updated on:
08 Oct 2020 08:16 pm
Published on:
08 Oct 2020 06:05 pm
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