
scientist soumya
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने गुरुवार को कहा कि SARS-COV-2 वायरस का डेल्टा प्लस संस्करण वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए "चिंता का विषय" नहीं है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इससे संक्रमित होने वाले मामले अभी बहुत कम हैं।
डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित होने वालों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में इसको लेकर अभी बहुत चिंतित हो की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ के लिए भी ये फिलहाल वैरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं है।
वैक्सीन को मान्यता न देने पर ये तर्क दिया
कई देशों द्वारा भारत में लग रही वैक्सीन को मान्यता न देने के मामले पर डॉ सौम्या ने कहा कि कोविशील्ड को अपने वैक्सीन पासपोर्ट कार्यक्रम से रोकने वाले कई देशों ने इसकी कोई मजबूत वजह अभी तक नहीं बताई है। इसे एक तकनीकी खामी की तरह देखा जा सकता है क्योंकि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन यूरोप में एक अलग ब्रांड के रूप में उपलब्ध है। वहीं भारत में इसका ब्रांड अलग है।
50 से अधिक मामले
भारत कई शहरों में डेल्टा प्लस के मामले मिल चुके हैं। भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला 11 जून को मिला था। यह डेल्टा वैरिएंट से ही तब्दील होकर बना है। देश में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 से अधिक मामले सामने आए हैं।
हालांकि एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं मिला है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण अधिक मौतें हुई हैं या इसका संक्रमण तेजी से फैला है। इसके अलावा हमारी कोरोना वैक्सीन इस वायरस से लड़ने में सक्षम है।
Published on:
01 Jul 2021 10:18 pm
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