
फेलुदा और सत्यजीत रे के बीच खास कनेक्शन
नई दिल्ली। भारत के पहले पेपर-स्ट्रिप कोविड-19 डिटेक्टर फेलुदा ( Feluda ) को मंजूरी मिल गई है। इसे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी सीएसआईआर और टाटा ग्रुप की टीम ने तैयार किया है। दरअस आसान शब्दों में समझें तो कोरोना का पता लगाने के लिए एक देसी टेस्ट को मान्यता मिल गई है। इस सेट्स का नाम फेलुदा है। फेलुदा ये नाम भले ही अजीब हो, लेकिन इसके पीछे की कहानी भी किसी फिल्म की तरह है।
दरअसल फेलुदा और पश्चिम बंगाल के दिग्गज फिल्ममेकर सत्यजीत रे के बीच खास कनेक्शन है। क्या है ये कनेक्शन आईए जानते हैं।
ये है सत्यजीत रे से कनेक्शन
बांग्ला फिल्मकार सत्यजीत रे का नाम कौन नहीं जानता। फेलुदा उनकी फिल्मों के एक किरदार का नाम है। ये किरदार उनकी कहानियों का हिस्सा रहा है। दरअसल सत्यजीत रे की जासूसी फिल्मों में ये बंगाल में रहने वाला प्राइवेट जासूसी किरदार है, जो छानबीन कर हर समस्या का रहस्य खोज ही लेता है।
सीएसआईआर की ओर से तैयार किए गए देसी कोरोना टेस्ट का नाम सत्यजीत रे की फिल्मों के जासूसी कैरेक्टर की तरह ही फेलुदा रखा गया है।
इत्तेफाक से मिल गया नाम
खास बात ये कि ये टेस्ट ना तो रैपिड टेस्ट टेस्ट है और ना ही आरटी-पीसीआर टेस्ट। ये एक तीसरे तरह का आरएनए बेस्ड टेस्ट है। ये नाम एक इत्तेफाक ही है, क्योंकि इस टेस्ट में डिटेक्शन की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है वो है (FNCAS9 EDITOR LINKED UNIFORM DETECTION ASSAY) यानी इनके पहले अक्षरों के साथ FELUDA बन गया है।
कैसे काम करता है फेलुदा
टेस्टिंग को लेकर भारत सरकार ने एक नया दावा किया है, जिसने तहलका मचा दिया है। फेलुदा नाम के देसी कोरोना टेस्ट में एक पतली सी स्ट्रीप होगी। ये टेस्ट प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट की तरह है। वायरस होने की स्थिति में स्ट्रीप का कलर बदल जाएगा।
आपको बता दें कि इस टेस्ट को कराने में सिर्फ 500 रुपए का खर्च आएगा। इस टेस्ट की खासियत है कि इससे कोरोना मरीजों को किसी भी तरह की मानसिक परेशानी नहीं होगी।
भारत सरकार फिलहाल ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराने पर जोर दे रही है। ऐसे में फेलुदा जैसी देसी कोरोना डिटेक्टर से बड़ा फायदा हो सकता है।
Published on:
22 Sept 2020 01:03 pm
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