नई दिल्ली। हर साल अगस्त के पहले सप्ताह (1 से 7 अगस्त) विश्व स्तनपान दिवस मनाया जाता है। स्तनपान दिवस को पूरी दुनिया में सात दिन तक सेलिब्रेट किया जाता है। इसका लोगों को स्तनपाल के प्रति जागरूक करना है। मां का दूध बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें वो सभी पोषक तत्व होते हैं जो बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होते है। महामारी कोरोना काल चल रहा है। अगर मां कोरोना संक्रमित हो जाए तो वह अपने बच्चों को अपना दूध पिला सकती है या नहीं। आइए जानते इसके बारे में डॉक्टर और एक्सपर्ट की क्या राय है।
बच्चे को छह महीने तक मां दूध जरूर पिलाना चाहिए
विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान महिलाओं को स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को दूर किया जाता है। महिलाओं को इसके लिए प्रेरित किया जाता है। बच्चे को छह महीने तक मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए। मां के दूध में जरूरी पोषक तत्व, एंटी बाडीज, हार्मोन, प्रतिरोधक कारक और ऐसे आक्सीडेंट मौजूद होते हैं। मां का दूध नवजात शिशु के बेहतर विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं।
संक्रमित मां के दूध से नहीं है बच्चे को कोई खतरा
कोरोना काल में डिलीवरी से पहले मां का कोविड टेस्ट कराया जा रहा है। अगर मां पॉजीटिव आ जाती हैं तो वे अपनेे बच्चे को संक्रमण होने के डर से स्तन पान नहीं कराती है। यह महज एक भ्रांति है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी पुष्टि कर दी है कि कोविड-19 संक्रमित मां के दूध से उनके शिशु को कोई खतरा नहीं है। शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है। मां का दूध बच्चे को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के खतरे को कम करता है।
स्तनपान के वक्त रखें ये सावधानियों
— दूध पिलाते समय या बच्चे के साथ किसी भी संपर्क के दौरान मास्क पहनें या कपड़े से अपना चेहरा ढकें।
— बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं।
— बच्चे के संपर्क में आने से पहले अल्कोहल आधारित हैंड सेनिटाइजर से अपने हाथ साफ करें।
— कोविड वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में सामान्य रूप से पहले जैसे माँ बच्चे को दूध पिला सकती हैं।
— यदि बच्चा कोविड से संक्रमित है और यदि वह दूध पी पा रहा है तो मां अवश्य शिशु को स्तनपान कराए।
Published on:
03 Aug 2021 09:54 am