29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

World Haemophilia Day 2021: जानिए इस अनुवांशिक बीमारी के लक्षण और उपचार

हर वर्ष दुनियाभर में 17 अप्रैल को मनाया जाता है World Haemophilia Day 2021

2 min read
Google source verification

image

Dheeraj Sharma

Apr 17, 2021

World Haemophilia Day 2021

World Haemophilia Day 2021

नई दिल्ली। पूरे विश्व में 17 अप्रैल का दिन वर्ल्ड हीमोफीलिया डे ( World Haemophilia Day ) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को हीमोफीलिया रोग और रक्त बहने संबंधी अन्य विकारों के बारे में जागरूक किया जाता है।

हीमोफीलिया रक्त से जुड़ी अनुवांशिक बीमारी है। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक जन्म लेने वाले 10 हजार शिशुओं में से एक में ये बीमारी देखने को मिलती है। इसका सामान्य लक्षण यह है कि चोट लगने के बाद खून बहना बंद नहीं होता। आइए जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और उपाय।

यह भी पढ़ेंः देश में Corona का कहर जारीः 16 लाख के पार हुए एक्टिव केस, खतरनाक वेरिएंट के अब तक 1,189 सैंपल मिले

ये है हीमोफोलिया
हीमोफोलिया रोग आनुवांशिक होता है। इस रोग से पीड़ित में खून के थक्के बनना बंद हो जाते हैं। सामान्य लोगों में जब चोट लगती है तो खून में थक्के बनाने के लिए जरूरी घटक खून में मौजूद प्लेटलेट्स से मिलकर उसे गाढ़ा कर देते हैं।

इस तरह खून अपने आप बहना बंद हो जाता है, लेकिन जो हीमोफिलिया से पीड़ित होते हैं, उनमें थक्के बनाने वाला घटक काफी कम होता है कुछ केस में तो होता ही नहीं है। यही वजह है कि उनका खून ज्यादा समय तक बहता रहता है। कई बार इस बीमारी की वजह से लीवर, किडनी, मांसपेशियों जैसे अंदरूनी अंगों से भी रक्तस्राव होने लगता है।

17 अप्रैल को मनाने की वजह
हीमोफिलिया डे 17 अप्रैल को मनाने के पीछे बड़ी वजह है। दरअसल वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WHF) के संस्थापक फ्रैंक केनेबल की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी।

इसके दो साल बाद फ्रैंक के जन्म दिन 17 अप्रैल 1989 को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत हुई। तब से हर वर्ष 17 अप्रैल को यह हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है।

बचपन में ऐसे करें पता
इस रोग के बारे में बचपन में ही पता करने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि जब बच्चे के दांत निकलते हैं और खून बहना बंद नहीं होता, तो अलर्ट हो जाएं क्योंकि ये हीमोफिलिया का लक्षण है।

हीमोफोलिया के सामान्य लक्षण
- मसूढ़ों से देर तक रक्तस्राव का होना
- चोट लगने पर खून बहते रहना
- पेशाब से खून आना
- नाक से खून आना
- जोड़ों में दर्द के साथ सूजन होना
- त्वचा के नीचे खून जमने से उस जगह का नीला पड़ना

यह भी पढ़ेँः Video: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने Corona एम्स के डॉक्टरों से की बात, बोले- दूसरी लहर से जंग बड़ी चुनौती

ये है उपचार
दरअसल ऐसा नहीं है कि हीमोफिलिया के रोगियों में खून का थक्का जमता ही नहीं है, बल्कि थक्का जमने में काफी समय लगता है। इसके इलाज के रूप में कई तरह की दवाएं और खून को बदलने जैसे विकल्प हैं।

एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को हेपेटाइटिस ए और बी का टीका लगावने से फायदा होता है। इसके उपचार के लिए क्लोटिंग फैक्टर और प्रोटीन को इंजेक्शन के जरिए हीमोफिलिया रोगी के शरीर में दिया जाता है।