
Tobacco Prohibition Day
नई दिल्ली। दुनिया भर में महामारी बन चुकी COVID-19 श्वसन तंत्र ( Respiratory System disease ) से जुड़ी बीमारी है। धूम्रपान ( Smoking ) करने वालों के फेफड़े और श्वसन तंत्र में पहले से ही दिक्कतें रहती हैं, इस कारण ऐसे व्यक्तियों में COVID-19 संक्रमण गंभीर होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में बढ़ जाता है। इसके साथ ही इन लोगों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वर्ल्ड नो टोबैको डे ( World No Tobacco Day 2020 ) के मौके पर राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर ( RGCIRC ) में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. एके दीवान ने यह जानकारी दी।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने भी कहा है कि तंबाकू ( Tobacco ) का इस्तेमा? COVID-19 -19 बीमारी के लक्षणों ( Coronavirus symptoms ) के गंभीर होने का खतरा बढ़ा देता है। धूम्रपान ( Non Smokers ) नहीं करने वालों की तुलना में, धूम्रपान करने वाले ( Smokers ) मरीजों पर COVID-19 के दुष्प्रभाव का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे लोगों को आईसीयू ( Intensive Care Unit ) में भर्ती करने, वेंटीलेटर ( Ventilators ) पर रखने की जरूरत ज्यादा होती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
RGCIRC में थोरैसिक ऑन्कोसर्जरी के प्रमुख डॉ. एलएम डारलोंग के मुताबिक, "तंबाकू भारत ( Tobacco in India ) में कैंसर ( Cancer ) का सबसे बड़ा कारण है। पुरुषों में होने वाले करीब 40 प्रतिशत और महिलाओं में होने वाले 20 प्रतिशत कैंसर का संबंध तंबाकू ( Cancer and Tobacco ) से है। इनमें फेफड़े का कैंसर ( Lung Cancer ), सर एवं गले का कैंसर और मुंह के कैंसर ( Mouth Cancer ) का सीधा संबंध तंबाकू के इस्तेमाल से है। वहीं, फेफड़े के कैंसर ( Lung Cancer ) के 80 प्रतिशत मामले भी इसी के कारण होते हैं।"
डॉ. दीवान के मुताबिक यह भी देखने में आया है कि COVID-19 में जान गंवाने वालों में ऐसे लोग ज्यादा हैं, जिनका धूम्रपान ( COVID-19 and Tobacco ) से सीधा संबंध रहा है। इसकी वजह धूम्रपान से दिल, डायबिटीज ( Diabetes ), हाइपरटेंशन ( Hypertension ), क्रोनिक रेस्पिरेटरी डिजीज या कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मरीज COVID-19 के गंभीर लक्ष्णों को सहन नहीं कर पाते। इसलिए इस स्वास्थ्य संकट ( Health Emergency ) के दौरान धूम्रपान छोड़ना ( Quit Smoking ) बहुत जरूरी है।
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डॉ. दीवान ने आगे बताया कि मुंह के कैंसर का अहम रिस्क फैक्टर होने के साथ ही चबाई जाने वाली तंबाकू ( Tobacco Chewing ) COVID-19 के प्रसार ( Coronavirus Spread ) में भी भूमिका निभाते हैं। तंबाकू चबाने से ज्यादा लार बनती है और लोग सार्वजनिक स्थानों पर थूकते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) ने भी लोगों को इस बारे में चेतावनी दी है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से COVID-19 वायरस के संक्रमण ( Coronavirus Infection ) का खतरा बढ़ सकता है। इसी कारण से सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित किया है।
ग्लोबल एडल्ट टबैको सर्वे ( GATS ) इंडिया 2016-17 की मानें तो करीब 26.7 करोड़ भारतीय या 15 साल या इससे ज्यादा उम्र के 29 प्रतिशत Indians किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे थे। इस कारण से दुनिया ( World Tobacco Use ) के अन्य देशों की तुलना में भारत में सबसे ज्यादा तंबाकू का सेवन होता है।
WHO के मुताबिक, हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की जान की वजह तंबाकू बनती है। इनमें से 70 लाख मौत सीधे तंबाकू के सेवन ( Tobacco Use ) से होती है। करीब 12 लाख लोग ऐसे होते हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन सेकंड हैंड स्मोक ( Passive Smoking ) का शिकार होते हैं। दुनिया के 1.3 अरब तंबाकू प्रयोग करने वालों में से 80 प्रतिशत लोग कम एवं मध्यम आय वाले देशों के हैं।
Updated on:
31 May 2020 08:20 am
Published on:
31 May 2020 08:05 am
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