scriptWorld Tribal Day: आदिवासियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की योजनाएं की क्या है अहमियत? | World Tribal Day: importance of Central government welfare schemes for tribals? | Patrika News
विविध भारत

World Tribal Day: आदिवासियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की योजनाएं की क्या है अहमियत?

 
World Tribal Day: भारत में जनजातीय आबादी का 1951 में 5.6% से बढ़कर 2011 में 8.6 प्रतिशत है। केंद्रीय स्तर कई कल्याणकारी योजनाएं पहले से ही संचालित हैं। इन योजनाओं का मकसद आदिवासी हितों की रक्षा के साथ शिक्षा, आर्थिक कल्याण और सामुदायिक उत्थान को बढ़ावा देना है।

Aug 09, 2021 / 01:07 am

Dhirendra

tribal community India

World Tribal Day

World Tribal Day: आज विश्व आदिवासी दिवस है। इस अवसर पर देशभर में बड़े पैमाने पर आदिवासी कल्याण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्र सरकार भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आजादी के बाद से ही आदिवासी उत्थान को लेकर प्रयासरत है। इन कल्याण योजनाओं में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को सशक्त बनाने वाली योजनाओं से लेकर, दीर्घकालिक और आसान ऋण देकर परिवारों की सहायता करना शामिल भी हैं। रियायती ब्याज दर पर ऋण की सुविधा सहित पहले की तुलना में 2021-22 के बजट में 36.62 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है।
योजनाओं को जमीन पर उतारना जरूरी

इसके बावजूद केंद्र सरकार की योजनाएं आदिवासियों के लिए रामबाण साबित नहीं हो पाई हैं। ऐसा इसलिए कि केवल सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता के दम पर देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजातियों का सशक्तिकरण संभव नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि अनुसूचित जनजातियों के बीच उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना के साथ आदिवासी कल्याण योजनाओं को जमीन पर उतारा जाए। सही लोगों को केंद्र प्रयोजित योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाएं जाएं। ताकि आदिवासियों का उत्थान और मुख्यधारा में उन्हें जोड़ना संभव हो सके।
आबादी के लिहाज से देखें तो 1951 में भारत में जनजातीय आबादी का 5.6% था जो 2011 की जनगणना में बढ़कर कुल आबादी का 8.2 फीसदी हो गया है। केंद्र सरकार के स्तर पर कई योजनाएं पहले से ही संचालित हैं। इसका मकसद आदिवासी हितों की रक्षा के साथ शिक्षा, आर्थिक कल्याण और सामुदायिक उत्थान को बढ़ावा देना है।
यह भी पढ़ें

Ujjwala Yojana 2.0: पीएम मोदी मंगलवार को उज्ज्वला योजना की करेंगे रीलॉन्चिंग, फ्री में मिलेगा सिलेंडर और गैस स्टोव

World Tribal Day: प्रमुख आदिवासी कल्याण योजनाएं

आदिवासी शिक्षा ऋण योजना ( ASRY )

यह योजना आदिवासी छात्रों को सॉफ्ट लोन प्रदान करती है जो तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। इसमें एक लाख रुपए तक का ऋण। 10 लाख प्रति परिवार 6% प्रति वर्ष की दर से प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इस योजना में भारत सरकार छात्रों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है जिसमें पाठ्यक्रम अवधि के दौरान या नौकरी मिलने के एक वर्ष बाद कोई ब्याज देय नहीं होता है।
सावधि ऋण योजना ( Term Loan Scheme )

इस योजना के तहत व्यावसायिक इकाइयों के लिए 50 लाख रुपए तक सॉफ्ट लोन दिया जाता है, जिसे 5 से 10 वर्षों के भीतर चुकाना होता है।
आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना ( AMSY )

यह अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए एक आर्थिक विकास योजना है। इस योजना के तहत स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपए का ऋण दिया जाता है। यह ऋण 4% प्रति वर्ष की दर से दिया जाता है जो अत्यधिक रियायती दर है।
स्वयं सहायता समूहों के लिए सूक्ष्म ऋण योजनाएं

यह योजना जनजातीय एसएचजी के लिए छोटी ऋण आवश्यकता को पूरा करती है। इस योजना के तहत हर व्यक्ति को 50 हजार रुपए ऋण प्रदान किया जाता है। एसएचजी के लिए अधिकतम 5 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के तहत ऋण 5 वर्ष की अवधि में चुकाना होता है।
जनजातीय उप-योजना को विशेष केंद्रीय सहायता

यह आदिवासी विकास के प्रयास के तहत भारत सरकार की ओर से 100% अनुदान पर आधारित योजना है। अनुदान का उपयोग एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना (ITDP), एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (ITDA), संशोधित क्षेत्र विकास दृष्टिकोण (MADA), समूहों, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) और तितर-बितर जनजातीय आबादी के आर्थिक विकास के लिए दिया जाता है।
सहायता अनुदान

यह भारत सरकार की ओर से एक वार्षिक अनुदान योजना है, जिसके तहत भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(1) के प्रावधानों के मुताबिक आदिवासी क्षेत्रों में जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए अनुदान जारी किया जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि आदि जैसे कुछ क्षेत्रों में अंतर को पाटने के उद्देश्य से ये अनुदान राज्यों को समय पर जारी किए जाते हैं।
निजी जनजातीय समूहों का विकास

आदिम जनजातीय समूह अनुसूचित जनजातियों के तहत एक निश्चित समुदाय के एक समूह को संदर्भित करता है जिनकी जनसंख्या घटती है, साक्षरता दर कम है और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। इसके तहत आवास आवंटन, भूमि वितरण, कृषि और पशु विकास के जरिए खानाबदोश पीटीजी के जीवन के व्यवस्थित रूप प्रदान करना है।
यह भी पढ़ें

World Tribal Day : विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है वर्ष 2021 की थीम

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय

ईएमआरएस की स्थापना दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मध्यम और उच्च स्तरीय शिक्षा और आवास प्रदान करने के लिए की गई है। ये आवासीय विद्यालय छात्रों को मानसिक और सामाजिक रूप से व्यापक विकास से गुजरने में मदद करते हैं। ऐसे स्कूल उनके विकास में सहायता करते हैं और उन्हें अपने समुदाय के लिए पथप्रदर्शक बनने के लिए सशक्त बनाते हैं।
वन ग्राम का विकास

भारत में लगभग 2474 वन गांव हैं जो इस योजना के तहत आते हैं। इन गांवों में स्वास्थ्य देखभाल, पेयजल, स्वच्छता, प्राथमिक शिक्षा, आजीविका प्रदान करने पर जोर दिया जाता है।
वनबंधु कल्याण योजना

भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने आदिवासियों के कल्याण के लिए वनबंधु कल्याण योजना ( वीकेवाई ) की शुरूआत 2014 में की थी। इस योजना की शुरुआत आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के एक-एक विकासखंड में पायलट आधार हो चुकी है। वन बंधु कल्याण योजना का मोटे तौर पर मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभिन्न कार्यक्रमों/स्कीमों के तहत वस्तुओं और सेवाओं का लाभ तय लक्षित समूहों को मिले।
World Tribal Day: अन्य आदिवासी कल्याण योजनाएं

– मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना

– जनजातीय उप-योजना क्षेत्रों में आश्रम विद्यालय की स्थापना

– राजीव गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप

– अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति
– अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए कोचिंग की सुविधा।

यह भी पढ़ें

FPI: विदेशी निवेशकों ने फिर जताया बाजार पर भरोसा, 5 दिनों में कर दिया 1210 करोड़ इन्वेस्ट

Home / Miscellenous India / World Tribal Day: आदिवासियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की योजनाएं की क्या है अहमियत?

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो