
कंधार।अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अफगानिस्तान में वे एक सप्ताह में युद्ध को खत्म कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए लाखों लोगों को जान गवांनी पड़ सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने मंगलवार को फौरन आपत्ति जताया और काबुल स्थित अमरीकी दूतावास से स्पष्टीकरण मांगा।
ट्रंप ने सोमवार को कहा 'यदि मैं युद्ध जीतना चाहूंगा तो, अफगानिस्तान का सफाया हो जाएगा’। 'ऐसा करने में मुझे केवल 10 दिन लगेंगे’। हालांकि ट्रपं ने यह नहीं बताया कि यह कैसे किया जाएगा।
ट्रंप ने कहा कि हम खुद को निकालने के लिए पाकिस्तान और अन्य लोगों के साथ काम कर रहे हैं। न ही हम पुलिसकर्मी बनना चाहते हैं, क्योंकि मूल रूप से हम अभी पुलिसकर्मी हैं और हमें पुलिसवाला नहीं समझा जाना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर अफगानिस्तान ने जताई आपत्ति
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर अफगानिस्तान ने आपत्ति जताई है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 'हम अफगानिस्तान में शांति सुनिश्चित करने के अमरीकी प्रयासों का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार इस बात को रेखांकित करती है कि किसी देश का प्रमुख अफगानिस्तान के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता है।' सोशल मीडिया पर, अफगानों और विश्लेषकों ने अपने स्वयं के भारी बमबारी के साथ जवाबी कार्रवाई की।
अफगानिस्तान में ट्रंप के बयान पर आम लोगों व विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रहमतुल्ला नबील (अफगानिस्तान के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक उम्मीदवार) ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के 'अपमान’ के जवाब में अशरफ गनी से लेकर तालिबान तक सभी अफगानी नेताओं को अपने स्वार्थ को छोड़ना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि हम आपस में मिलकर शांति बहाली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अमरीका या पाकिस्तान से मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि अमरीका में अल-कायदा के आतंकियों द्वारा 9/11 के हमले के बाद 2001 से अमरीकी सैनिक अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। अमरीका के इतिहास में यह सबसे अधिक दिनों तक चलने वाला लड़ाई है।
पाकिस्तानी नेता के एक बयान के अनुसार, वाशिंगटन में सोमवार को ट्रंप और इमरान खान ने बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि लाने के लिए सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने अफगान शांति और सुलह प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की। लेकिन इमरान खान ने कहा कि प्रक्रिया में लगातार आगे बढ़ना एक साझा जिम्मेदारी है।
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Updated on:
24 Jul 2019 10:26 am
Published on:
23 Jul 2019 04:25 pm
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