ट्रंप ने कहा कि उनके इस कदम से कोरोना वायरस की रोकथाम हो सकेगी। इससे लड़ने के लिए 50 अरब डॉलर का फंड मिल जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अमरीका की केंद्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय एजेंसियां संक्रमण से लड़ने के लिए इस फंड का इस्तेमाल करेंगी। अमरीका में अबतक कोरोना वायरस से लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है।
37 खरब रुपये का बड़ा पैकेज अमरीकी राष्ट्रपति के अनुसार नेशनल इमरजेंसी एक बहुत बड़ा कदम है। इससे अमरीकी सरकार पूरी शक्ति का इस्तेमाल कर इस बीमारी से लड़ सकेगी। ट्रंप के इस कदम ने अमरीकी प्रशासन ने अपनी तिजोरी खोल दी है। नेशनल इमरजेंसी लागू होने के बाद ट्रंप प्रशासन 50 अरब डॉलर यानी कि लगभग 37 खरब रुपये का इस्तेमाल कर सकेगा।
इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर होगा चालू ट्रंप ने अमरीकी राज्यों से कहा कि वे तुरंत अपने-अपने क्षेत्रों में आपातकाल ऑपरेशन सेंटर को प्रभावी रूप चलाना शुरू करें। ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि इस बीमारी का संक्रमण पूरी तरह से रोका जाए। पीड़ितों को बेहतर इलाज दिया जाए, ताकि वह जल्दी ठीक हो सकें। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें कुछ बदलाव करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगल आठ सप्ताह कठिन हैं।
एक घंटे में चलेगा बीमारी का पता एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप प्रशासन ऐसी तकनीक को विकसित कर रहा है। उन्होंने 13 लाख डॉलर देने का ऐलान किया है जो एक ऐसा टेस्ट विकसित कर रही है,जिससे मात्र एक घंटे में पता लग सेकगा कि कोई शख्स कोरोना से पीड़ित है या नहीं।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिटंन ने किया था ऐलान ट्रंप ने यह फैसला ऐसे समय लिया जब विपक्षी पार्टियां लगातार उन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कोरोना संक्रमण को 1988 के एक कानून के 39 minutes ago
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यूके से लाैटी थी महिला
चंडीगढ़ में कोरोना वायरस (
coronavirus in Chandigarh ) का एक मामलातहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने का फैसला किया है। इस घोषणा के साथ फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी राज्यों और स्थानीय सरकार आर्थिक मदद मुहैया कराने में सक्षम होगी। बता दें कि अमरीकी सरकारें इस पॉवर का कम ही इस्तेमाल करती हैं। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिटंन ने सन 2000 में नील वायरस के खतरे को देखते हुए ऐसी ही आपातकाल की घोषणा की थी।