नासा की एस्ट्रॉनॉट कल्पना चावला के मानव अंतरिक्षयान में प्रमुख योगदानों के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया है। अमरीकी वैश्विक एरोस्पेस व रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, नॉर्थग्रुप ग्रमैन ने घोषणा की है कि, इसके अगले अंतरिक्षयान सिग्नेस का नाम मिशन विशेषज्ञ की याद में ‘एस एस कल्पना चावला’ रखा जाएगा।
चांद पर अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाने जा रहा है नासा, धरती पर लाएगा मून का एक हिस्सा!, जानें कैसे चल रही तैयारी कंपनी ने कहा कि हम अपनी दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का सम्मान कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्षयात्री के रूप में नासा में इतिहास बनाया था। कंपनी ने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि कल्पना चावला के मानव अंतरिक्षयान में योगदान का आने वाले लंबे समय तक प्रभाव रहेगा।
कंपनी की वेबसाइट पर ये जानकारी दी गई है कि अब नॉर्थरोप ग्रमैन एनजी-14 सिग्नस अंतरिक्षयान का नाम पूर्व अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रख कर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। आपको बता दें कि यह कंपनी की परंपरा है कि वह प्रत्येक सिग्नस का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखता है, जिसने मानवयुक्त अंतरिक्षयान में महत्त्वपूर्ण अपना अहम योगदान दिया हो और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो।
इस वजह से हुआ कल्पना चावला का चयन
कंपनी ने बताया कि कल्पना चावला के नाम का चयन इतिहास में उनके प्रमुखस्थान को सम्मानित करने के लिए किया गया है। आपको बता दें वर्ष 2003 में कोलंबिया में अंतरिक्षयान में सवार रहने के दौरान चालक दल के छह सदस्यों के साथ कल्पना चावला की मौत हो गई थी। धरती पर वापस आने के क्रम में यह यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया था।
कल्पना चावला का जन्म भारत के हरियाणा स्थित करनाल जिले में 1 जुलाई 1961 में हुआ था। कल्पना ने फ्रांस के जान पियर से शादी की जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।
इसरो एक बार फिर अंतरिक्ष के लिए भर रहा है अपनी सबसे बड़ी उड़ान, दुनिया देखेगी देश की ताकत अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की। इस सफल मिशन के बाद कल्पना ने अंतरिक्ष के लिए दूसरी उड़ान कोलंबिया शटल 2003 से भरी।