
martin griffiths
लंदन। संयुक्त राष्ट्र ने ब्रिटिश राजनयिक मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मानवीय मामलों की एजेंसी का प्रमुख चुना है। ग्रिफिथ्स को वैश्विक मामलों में अनुभवी माना जाता है। वह कई मामलों में वार्ताकार की भूमिका निभा चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के अनुसार ग्रिफिथ्स के पास मुख्यालयों और राष्ट्रीय स्तर पर काफी अनुभव है। उनके पास रणनीतिक एवं संचालन दोनों स्तर पर अच्छी नेतृत्व क्षमता हैं। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय विवादों के समाधान,वार्ता और मध्यस्थता का उन्हें खासा अनुभव है।
शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास
ग्रिफिथ्स बीते तीन सालों से यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रह चुके हैं। वे छह वर्ष से विभिन्न संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान निकालने के प्रयासों में लगे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को समय-समय पर इससे अवगत कराया है। गुतारेस के अनुसार ग्रिफिथ्स यमन में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष दूत के तौर पर सेवा देते रहेंगे।
चलन को खत्म करने की मांग उठाई
ग्रिफिथ्स मार्क लोकॉक का स्थान लेंगे। उन्होंने चार वर्ष तक मानवीय मामलों एवं आपात राहत समन्वयक के अवर महासचिव के तौर पर अपनी सेवाएं दी है। उनके काम की काफी सराहना भी हुई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों अमरीका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच शीर्ष पदों के अनाधिकृत बंटवारे के तहत संयुक्त राष्ट्र में मानवीय एजेंसी का शीर्ष पद पारंपरिक रूप से किसी ब्रिटिश शख्स को ही दिया जाता है। हालांकि इस तरह के चलन को खत्म करने की मांग उठाई गई है। यह मांग रखी गई है कि यूएन के अहम पदों का जिम्मा अन्य देशों को देने की बात कही जा रही है। अब तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।
Published on:
13 May 2021 05:35 pm
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