
लंदन। ब्रेक्सिट को लेकर मंगलवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में हो रही बहस के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसदीय बहुमत खो दिया है।
दरअसल, ब्रेक्सिट पर बोरिस जॉनसन और टोरी विद्रोहियों के बीच संसद में हो रहे बहस के दौरान कंजरवेटिव सांसद फिलिप ली दल-बदल कर यूरोपीय संघ (ईयू) समर्थक लिबरल डेमोक्रेट में शामिल हो गए हैं।
ली का डेमोक्रेट में शामिल होने का सीधा मतलब है कि बोरिस जॉनसन के पास अब कॉमन्स में सरकार चलाने वाली बहुमत नहीं है।
पीएम बोरिस जॉनसन जब कॉमन्स को संबोधित कर रहे थे, इसी बीच ब्रैकनेल के सांसद डॉ. ली ने विपक्षी दलों के बेंच पर जाकर बैठ गए।
उन्होंने कहा कि सरकार अप्रत्याशित तरीकों से एक हानिकारक ब्रेक्सिट को आगे बढ़ा रही है, जो कि जीवन और आजीविका को खतरे में डालती है।
बता दें कि डॉ. ली के दल बदलने से पहले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पास कॉमन्स में केवल एक का बहुमत था। ली के इस फैसले का विपक्षी दलों ने चीयर्स के साथ स्वागत किया।
31 अक्टूबर को EU से बाहर निकलने का आखिरी तारीख
कॉमन्स में बोलते हुए जॉनसन ने सांसदों को बताया कि वह यूरोपीय संघ से वातचीत के जरिए बाहर निकलना चाहते थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वार्ता के पीछे एक रणनीति थी।
लेकिन विद्रोही टोरी सांसदों की योजनाओं ने 31 अक्टूबर को नो-डील के तहत ईयू से बाहर निकलने को प्रभावी ढंग से रोक दिया गया है, जो कि किसी भी नए सौदे पर बातचीत करने के अवसर को खत्म कर देगा।
उन्होंने कहा कि यदि विद्रोही अपने उद्देश्य में सफल हो गए, तो यह उन्हें ब्रसेल्स जाने के लिए मजबूर करेगा और ब्रेक्सिट को 'एक और व्यर्थ देरी के लिए याचना करने' के लिए मजबूर करेगा और वह ऐसा कभी नहीं करेंगे।
जॉनसन ने कहा कि यह जेरेमी कॉर्बिन का आत्मसमर्पण करने वाल बिल है। इसका मतलब है कि वे बिना किसी शर्त साधारण रूप से बाहर निकलना चाहते हैं।
इससे पहले बी बोरिस जॉनसन ने ब्रेग्जिट को स्टुपिड (बेवकूफाना) कहा था। उन्होंने कहा था कि वे चाहते हैं यूरोपियन यूनियन की ओर से दिए विकल्प पर फिर से बातचीत हो। यदि 31 अक्टूबर तक डील न हो तो ईयू को छोड़ दिया जाए, साथ ही ईयू के 2.73 लाख करोड़ रुपये रोक दिए जाएं।
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Updated on:
04 Sept 2019 08:07 am
Published on:
03 Sept 2019 09:22 pm
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