मिनटों में हो जाएगी कोरोना की टेस्टिंग, जेब में आने वाली मशीन से परीक्षण भी सस्ता
यह पोर्टेबल पॉकेट साइज मशीन कोरोना वायरस और इसके वेरिएंट्स के अलावा एन्फ्लूएंजा ए, मानव एडेनोवायरस के 96 नमूनों के पॉजिटिव और निगेटिव नतीजे पेश कर सकती है।

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस महामारी के साथ ही इसकी टेस्टिंग के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नई पोर्टेबल, पॉकेट-साइज मशीन विकसित की है। यह छोटी सी मशीन केवल 15 मिनट में कोविड-19 की पहचान कर सकती है। दुनियाभर में अभी तक कोरोना वायरस से करीब 12.9 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और इस जानलेवा बीमारी की वजह से 28.1 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
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इस नए टेस्ट को निर्वाण (NIRVANA) का नाम दिया गया है। यह रीयल टाइम में कोविड-19, एन्फ्लूएंजा ए, मानव एडेनोवायरस और नॉन-सार्स-सीओवी-2 मानव कोरोनावायरस के 96 नमूनों के पॉजिटिव और निगेटिव नतीजे पेश कर सकता है।
मेड नामक जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि इसके अलावा तीन घंटों के भीतर ही निर्वाण ब्रिटेन में पहचाने गए बी.1.1.7 जैसे नए वेरिएंट की भी ट्रैकिंग कर सकता है।
Our method just went online. NIRVANA Simultaneous Detection and Mutation Surveillance of SARS-CoV-2 and co-infections of multiple respiratory viruses by Rapid field-deployable sequencing: Med https://t.co/wW3m1JPFMM
— Mo (@Mo_Li_KAUST) March 31, 2021
निर्वाण टेस्ट एक जीन-डिटेक्शन अप्रोच का इस्तेमाल करता है, जिसे इसोथर्मल रीकॉम्बिनेज पोलीमरेज एंपलिफिकेशन (आरपीए) कहा जाता है। यह रीयल टाइम नैनोपोर सीक्वेंसिंग के साथ जुड़ा होता है। कहा जा रहा है कि यह टेस्ट मौजूदा पीसीआर कोविड-19 टेस्टिंग की तुलना में सस्ता और ज्यादा पोर्टेबल विकल्प है।
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जहां पीसीआर टेस्ट कम और ज्यादा तापमान के माध्यम से डीएनए स्ट्रैंड को अलग करने और उन्हें कॉपी करने पर आधारित है। वहीं, आरपीए इन्हीं चीजों के लिए तापमान के बदलाव के बजाय प्रोटीन का इस्तेमाल करते हुए केवल 20 मिनट में काम पूरा करता है।
इसके अलावा, पीसीआर टेस्ट को अन्य वायरस का पता लगाने के लिए महंगी नेक्स्ट जेनरेशन वाली जीन-सीक्वेंसिंग मशीन की जरूरत पड़ती है, लेकिन आरपीए एक ही वक्त में कई जींस की पहचान कर सकता है।
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सऊदी अरब में किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में बायोसाइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर मो ली के मुताबिक, "हमें जल्द ही समझ में आ गया कि हम इस तकनीक का इस्तेमाल न केवल सार्स-सीओवी-2 का पता लगाने में, बल्कि साथ ही दूसरे वायरस के लिए भी कर सकते हैं।" शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि इस डिवाइस को कोरोना वायरस का तेजी से पता लगाने के लिए स्कूलों, हवाईअड्डों या बंदरगाहों पर इंस्टॉल किया जा सकता है।
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