
नई दिल्ली।
हाल ही में मिस्र की स्वेज नहर में जापान का विशालकाय जहाज एवर गिवेन रेतीले तूफान की वजह से फंस गया था और करीब सात दिन बाद बड़ी मुश्किल से इसे निकाला गया। तब तक वैश्विक स्तर पर अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका था। अब मिस्र की सरकार ने इस जहाज पर कार्रवाई करते हुए इसे अपने कब्जे में ले लिया है। यही नहीं मिस्र की सरकार ने जहाज के मालिक से 90 करोड़ डॉलर का जुर्माना भी भरने को कहा है।
इस जहाज को मिस्र की सरकार ने वहां की कोर्ट के आदेश पर जब्त किया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि जुर्माने की राशि चुकाने के बाद ही इस जहाज को छोड़ा जाए। बता दें कि गत मार्च में एवर गिवेन नाम का जहाज स्वेज नहर के संकरे रास्ते में अटक गया था। यह जहाज इतना बड़ा है कि अकेले इस जहाज के अटकने से नहर में दूसरे जहाजों के आने-जाने पर रोक लग गई। इससे नहर में जहाजों की आवाजाही बंद हो गई थी और वैश्विक स्तर पर अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।
करीब सात दिन की कड़ी मशक्कत के बाद इसे हटाकर रास्ता खोला गया। इस जहाज को निकालने के लिए मिस्र की सेना के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों की मदद भी ली गई थी। इस जहाज के मालिक का नाम सुई किशेन काइशा है और इसके चालक दल के अधिकतर सदस्य भारतीय थे।
मिस्र की इस्माइलिया इकानॉमिक कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए वहां की सरकार ने कहा कि जुर्माने की राशि गणना नहर में अटके पड़े एवर गिवेन के कारण हुए नुकसान के साथ-साथ उसे निकालने में हुए खर्च और दूसरे जरूरी खर्चों के आधार पर की गई है। सूत्रों की मानें तो एवर गिवेन के स्वेज नहर में फंसने और इसे निकालने के प्रयासों के दौरान नहर को काफी नुकसान भी हुआ है।
Published on:
15 Apr 2021 10:47 am
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