
'मेक इन इंडिया' की बढ़ी ताकत, हर चीनी दुश्मन देश के पास होगा भारतीय हथियार
नई दिल्ली। अपनी सामरिक ताकत को बढ़ाने में जुटा भारत अब दूसरे देशों को भी हथियार बेचने की क्षमता हासिल कर चुका है। 'मेक इन इंडिया' ( Make in India ) जैसे योजनाओं का परिणाम है कि भारत अपनी रक्षा के लिए स्वदेशी हथियारों व मिसाइलों को बनाने में सफल हो रहा है। परिणाम स्वरूप दुनिया के कई देश भारतीय हथियारों को खरीदने में रूची दिखाई है और खरीद भी रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि अत्याधुनिक तकनीकों को लेकर पूरी दुनिया में ढोल पीटने वाले चीन के दुश्मन देश भारतीय हथियारों को खरीद रहे हैं, ताकि चीन को टक्कर दिया जा सका। इन्हीं में से एक देश है वियतनाम। दक्षिण चीन सागर में चीन का सबसे बड़ा और कट्टर दुश्मन वियतनाम ( Vietnam ) भारत से भारी मात्रा में हथियार खरीद रहा है। इसमें छोटे गन से लेकर मिसाइल तक शामिल है। इसके अलावा कई देशों ने ब्रह्मोस ( BrahMos ) आकाश मिसाइल, तेजस लड़ाकू विमान ( Tejas ) व ध्रुव हेलीकॉप्टर्स को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। बता दें कि फिलिपींस ( Philippines ) , मलेशिया ( Malaysia ), ब्रूनेई ( Brunei ) और ताइवान ( Taiwan ) ऐसे देश हैं, जिनसे भारत के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं, लेकिन इन सभी देशों का विवाद चीन से है।
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इन देशों को रक्षा सामान निर्यात करता है भारत
भारत ने वियतनाम के साथ कई अहम समझौते किए हैं, जिसमें 500 मिलियन डॉलर का रक्षा खरीद समझौता भी शामिल है। भारत चीन से मुकाबला करने के लिए चीनी दुश्मन देशों को हथियार बेंचने में दिलचस्पी दिखाई है। वियतनाम भारत से ब्रह्मोस मिसाइल भी खरीद रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश ने भी भारत से कई रक्षा सामानों को खरीदने का ऑर्डर दिया है। बता दें कि भारत अभी जिन देशों को हथियार निर्यात कर रहा है उसमें वियतनाम, भूटान, स्वाजीलैंड, ओमान ( Oman ), नेपाल ( Nepal ), श्रीलंका ( Sri Lanka ), तंजानिया ( Tanzania ), इथियोपिया, बांग्लादेश ( Bangladesh ), अफगानिस्तान ( Afghanistan ), म्यांमार आदि देश शामिल हैं। हाल के वर्षों में जिस तरह से भारत ने स्वदेशी तकनीक विकसित कर दुनिया को चौंकाया है उससे भारतीय हथियारों की खरीद में कई देशों का विश्वास बढ़ा है। चाहे वह मिसाइल हो या फिर हल्के लड़ाकू विमान तेजस या गोला बारूद। दुनिया के बाजार में बड़े पैमाने पर भारत की आर्डिनेंस फैक्ट्रियों में बने गोला-बारूद और अन्य साजो-सामान खरीदे जाते हैं।
इन हथियारों व रक्षा सामानों को बेंच रहा है भारत
आपको बता दें कि भारत कई देशों को रक्षा से जुड़े सामान व उपकरण निर्यात करता है। इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश मिसाइल, चेतक हेलीकॉप्टर, ध्रुव हेलीकॉप्टर, तेजस फाइटर जेट, एसआरएस (सेल्फ लोडिंग राइफल्स), बख्तरबंद वाहन और अन्य तरह के वाहन, ग्रेनेड, सैन्य संचार उपकरण, समुद्र टोही जहाज व नौकाएं आदि शामिल है। ऐसा कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले पांच वर्षों के अंदर भारत डिफेंस एक्सपोर्ट की पूरी तस्वीर बदल देगा। इसमें फाइटर्स से लेकर मिसाइल और अन्य डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। भारतीय हथियारों की बढ़ती मांग को लेकर यह माना जा रहा है कि भारत आने वाले कुछ वर्षों में निर्यात करने के मामले में छठे स्थान पर अपनी जगह बना सकता है। अभी अमरीका, रूस , फ्रांस और जर्मनी इस मामले में अव्वल है, जबकि चीन पांचवें नंबर का निर्यातक बन गया है।
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Updated on:
28 May 2019 01:08 pm
Published on:
28 May 2019 04:03 am
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