माल्या पर बोली भाजपा, ‘कानून का शिकंजा मजबूत, नहीं बदला दिल’ …ऐसे उलझ जाते हैं यूजर्स यूरोपीय संघ (ईयू) के नए डेटा संरक्षण नियमों में डेटा गोपनीयता के बारे में यूजर्स को अधिक नियंत्रण और विकल्प देने का प्रावधान किया गया है। जबकि रिपोर्ट के मुताबिक ये कंपनियां यूजर्स को सीमित ‘डिफॉल्ट’ विकल्प ही उपलब्ध करवा रही हैं। विकल्प की कमी के चलते यूजर्स अक्सर जाने-अनजाने जानकारियां देने पर मजबूर हो जाते हैं।
देश में बढ़े हिंदी को मातृभाषा मानने वाले, खराब हुई उर्दू की हालत, जानिए क्या है अंग्रेजी का हाल यूजर्स के प्रति सम्मान की कमी काउंसिल का कहना है इन अमरीकी कंपनियों की गोपनीयता संबंधी संशोधित नीति सामान्य डेटा संरक्षण नियमन (जीडीपीआर) के अनुकूल भी नहीं है। जीडीपीआर में भी यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि निजी सूचना शेयर करते समय यूजर्स को क्या विकल्प दिए गए हैं। काउंसिल के अधिकारी फिन मिरस्टेड ने कहा कि ये कंपनियां हमें अपनी ही निजी जानकारी साझा करने के लिए एक तरह से चालाकी दिखाए हुए उलझाती हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों का व्यवहार दर्शाता है कि उनमें के लिए सम्मान की कमी है।