
imran khan
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran khan) अमरीका से बनी दूरियों को लेकर अपनी पीड़ा को एक सात्क्षाकार में छिपा न सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वाशिंगटन के साथ “सभ्य” और “बराबरी” वाला रिश्ता चाहता है। जैसे कि अमरीका के ब्रिटेन या भारत के साथ हैं।
पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को अमरीकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने साक्षात्कार में इस बात को लेकर निराशा जताई कि भारत के साथ रिश्तों को सामान्य करने के उनके प्रयासों पर कोई प्रगति नहीं हो पाई है। जबकि उन्होंने अगस्त 2018 में पदभार संभालने के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी से संपर्क किया था।
गौरतलब है कि यह साक्षात्कार ऐसे वक्त में आया है जब अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को अपने अफगानी समकक्ष अशरफ गनी के साथ व्हाइट हाउस में पहली बार मुलाकात की। खान के अनुसार भारत जैसे अन्य देशों के मुकाबले उसका अमरीका के साथ गहरा रिश्ता रहा है और आतंकवाद के खिलाफ जंग में वह अमरीका का साझेदार रहा था।
उन्होंने कहा कि अब अमरीका के अफगानिस्तान से जाने के बाद, पाकिस्तान मूल रूप से एक सभ्य रिश्ता चाहता है जैसा आपका देशों के साथ होता है। हम अमरीका के साथ अपने कारोबारी रिश्तों को सुधारना चाहेंगे।
'बराबरी वाला हो रिश्ता'
सभ्य रिश्ते को परिभाषित करने के सवाल पर इमरान ने कहा कि वह ऐसे रिश्ते चाहते हैं जैसा “अमेरिका और ब्रिटेन की बीच है या जैसा अब अमरीका और भारत के बीच है। इसलिए ऐसा रिश्ता जो बराबरी वाला हो। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के दौरान संबंध थोड़े से असंतुलित थे। उन्होंने कहा, “यह असंतुलित रिश्ता था क्योंकि अमरीका को लगता था कि वो पाकिस्तान को सहायता दे रहा है।
उन्हें लगता था कि पाकिस्तान को ऐसे में अमरीका की आज्ञा माननी होगी और अमरीका की बात मानने की कोशिश के कारण पाकिस्तान को काफी कीमत चुकानी पड़ी। 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए, और 150 अरब डॉलर से ज्यादा का अर्थव्यवस्था का नुकसान पहुंचा। क्योंकि आत्मघाती हमले हो रहे थे और पूरे देश में बम फट रहे थे।”
पीएम मोदी से बातचीत की काफी कोशिश की
पाक पीएम इमरान खान ने आगे कहा कि इस असंतुलित रिश्ते के साथ समस्या थी कि “पाकिस्तानी सरकार ने ऐसा काम करने की कोशिश की जिसमें वह सक्षम नहीं थी” और इसकी वजह से “दोनों देशों में अविश्वास” पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोगों को ऐसा लगता है कि उन्होंने इस रिश्ते के लिए भारी कीमत चुकाई। वहीं अमेरिका को लगता है कि पाकिस्तान ने पर्याप्त काम नहीं किया।”
इस साक्षात्कार में खान ने दावा किया भारत में अगर कोई दूसरा नेतृत्व होता तो पाकिस्तान ने उनके साथ रिश्ते बेहतर कर लिए होते। वे बातचीत के जरिए अपने सभी मतभेदों को सुलझाने की कोशिश करते। इमरान ने कहा कि जब उन्होंने पद संभाला था तो पीएम नरेंद्र मोदी के सामने एक सामान्य, सभ्य कारोबारी रिश्ते (बनाने) का प्रयास किया। हमने कोशिश की मगर बात नहीं बन सकी। खान का दावा है कि अगर वहां कोई दूसरा भारतीय नेतृत्व होता, तो वे अपने सभी मतभेदों को बातचीत से सुलझा लेते।
Published on:
26 Jun 2021 10:44 pm
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