
कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर यूएन की रिपोर्टः भारत ने दिया जवाब, चुप है पाकिस्तान
नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तरफ से आम नागरिकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कही गई है। गुरुवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया है, 'कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने बहुत ज्यादा बलप्रयोग किया है, जिसके चलते 2016 से अब तक कई नागरिकों की मौत हो चुकी है।' मानवाधिकार परिषद ने इस संबंध में जांच समिति के गठन के लिए संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन को भी बुलाया है।
भारत ने तुरंत खारिज की रिपोर्ट
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट के सामने आते ही प्रतिक्रिया दी और इसे पूरी तरह से तथ्यों के आधार पर खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को जारी किए जाने का मकसद भी पूछा। दूसरी तरफ जेनेवा से जारी इस रिपोर्ट पर अब तक पाकिस्तान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। गौरतलब है कि पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर और पीओके दोनों में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी की है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक...
- भारतीय सुरक्षाबलों पर कश्मीरियों के मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगा है।
- पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी मानवाधिकार उल्लंघन की बात कही गई है।
- इन मानवाधिकार उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।
- जुलाई 2016 से अप्रैल 2016 की अवधि के लिए आई इस रिपोर्ट में 165 लोगों की हत्या की बात कही गई है।
- जम्मू-कश्मीर में सैन्य बलों ने नागरिकों के साथ अपहरण, हत्या, यौन हिंसा जैसे अपराधों को अंजाम दिया है।
...और भारत ने यूं खारिज कर दी रिपोर्ट
- रिपोर्ट खास नजरिये से प्रेरित है जिसमें त्रुटिपूर्ण तथ्य हैं।
- यूएन की रिपोर्ट अत्यधिक पूर्वाग्रह से ग्रसित है।
- संपूर्ण कश्मीर पूरी तरह से भारत का है, एक हिस्से पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा किया है।
- यह रिपोर्ट भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है।
- रिपोर्ट असत्यापित जानकारियों के चुनिंदा संकलन से बनाई गई है।
Published on:
14 Jun 2018 04:49 pm
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