
International Nurses Day
नई दिल्ली। हर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे (International Nurses Day 2021) यानी अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस क्यों मनाया जाता है। यह दिन हर साल फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है। उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिश सैनिकों की देखभाल की थी। इस वजह से इन्हें लेडी विद द लैंप भी कहा गया। मरीज की जिंदगी बचाने में जितना योगदान डॉक्टर्स का होता है, उतना ही एक नर्स का। नर्स अपनी परवाह किए बिना मरीज की तन-मन से सेवा कर उनकी जान बचाती है। अपने घर और परिवार से दूर रहकर मरीजों की दिन रात सेवा करती है। नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
1965 में हुई थी शुरुआत
नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटइंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था। इस दिन उनको याद किया जाता है। सबसे पहले इस दिवस की शुरुआत साल 1965 में की गई थी। तब से लेकर आज तक यह दिवस इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपने देश में इसकी शुरुआत 1973 में परिवार एंव कल्याण विभाग ने की थी। पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान किया जाता है। पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021 थीम
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की हर साल अलग थीम होती है। इस समय पूरी दुनिया महामारी कोरोना से जूझ रही है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021 की थीम नर्स : ए वॉयस टू लीड - ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर रखी है। इस थीम के जरिए लोगों में नर्सों के प्रति सम्मान को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इसका मतलब होता है कि भविष्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए नर्स का नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार हम यह दिखाना चाहते हैं कि नर्सिंग भविष्य में कैसे दिखेगी और साथ ही साथ कैसे पेशे स्वास्थ्य सेवा के अगले चरण को बदल देगी।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का महत्व
इस महामारी के दौरान चिकित्सीय स्टाफ ने अपना सब कुछ झोंका हुआ है। इनमें नर्स बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं। नर्स एक मां, एक बहन के रूप में मरीजों की सेवा करती हैं। इस रिश्ते को बखूबी निभाने के कारण इन्हें सिस्टर का उपनाम दिया गया है। नर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करती है। वह अपने घरों से दूर, परिवार से दूर रहकर दिन और रात अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कर रही हैं। नर्सों को इस पेशे से जुड़ी खुशियों के साथ-साथ कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।
Published on:
12 May 2021 08:15 am
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