scriptकिम और ट्रंप की वार्ता सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर होगी, गोरखा संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था | Kim and Trump talks on Singapore's Santosa Island Gorkha will take up | Patrika News

किम और ट्रंप की वार्ता सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर होगी, गोरखा संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था

locationनई दिल्लीPublished: Jun 06, 2018 08:41:54 am

Submitted by:

Mohit Saxena

दि कैपेला होटल नाम के लग्जरी रिजॉर्ट में 12 जून को होगी यह खास वार्ता। दुनियाभर से पहुंचेंगे 2500 पत्रकार।

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किम और ट्रंप की वार्ता सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर होगी, गोरखा संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था

वाशिंगटन। आखिरकार अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन से होने वाली मुलाकात का स्थान तय हो गया है। सिंगारपुर में होने वाली मुलाकात को लेकर अभी तक स्थान तय नहीं हो सका था। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को इसकी घोषणा कर दी। सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर दि कैपेला होटल नाम के लग्जरी रिजॉर्ट में 12 जून को यह खास वार्ता तय की गई है। इस वार्ता को कवर करने के लिए यहां विभिन्न देशों के करीब 2500 पत्रकारों के पहुंचने की उम्मीद है। इस रिजार्ट की तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अमरीका के साथ उत्तर कोरिया के सुरक्षाकर्मी भी इस रिजार्ट की घेराबंदी करेंगे। इसके साथ नेपाल के गोरखा भी सुरक्षा व्यवस्था में अहम भूमिका निभाएंगे।
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वार्ता से काफी उम्मीदें

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच शिखर वार्ता की जगह सेंटोसा द्वीप पर दि कैपेला होटल होगी। हम इस सत्कार के लिए अपने सिंगापुरी मेजबानों का शुक्रिया अदा करते हैं। गौरतलब है कि इस बैठक को लेकर पूरी दुनिया टकटकी लगाए बैठे है। इस वार्ता से कोरियाई द्वीप में काफी बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। वार्ता से पहले इस बैठक को लेकर दोनों देशों में काफी टकराव देखने को मिला। मगर बाद में इस वार्ता के लिए दोनों देश राजी हो गए।
वार्ता के लिए क्यों चुना सिंगापुर

विशेषज्ञों के अनुसार सिंगापुर में यह वार्ता इसलिए हो रही है क्योंकि इस देश में पहले भी कई अहम बैठकें सफलतापूर्वक हो चुकी हैं। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और 2015 में पूर्व ताइवान नेता मा यिंग-जेउ के बीच ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन शामिल है। यहां पर प्योंगयांग और वाशिंगटन दोनों दूतावास मौजूद हैं। इसके साथ मलेशिया दोनों देश के प्रति काफी तटस्थ रहा है। वह किसी का भी पैरोकार नहीं है। ऐस में दोनों देशों के नेताओं के लिए सिंगापुर सबसे सुरक्षित जगह बताई जा रही है।
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