
काबुल। बीते कई दिनों से कतर में तालिबान और अमरीका के बीच चल रही बैठक समाप्त हो गई। यह वार्ता दोनों पक्षों के बीच एक समझौते पर पहुंचने के मकसद से कतर की राजधानी दोहा में चल रही थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमरीका इस वार्ता के बाद अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुला सकता है। गौरतलब है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी जल्द से जल्द सेना की वापसी बात कई मंचों से कह चुके हैं। अफगानिस्तान में अब तक 10 खरब डॉलर से अधिक की राशि अमरीका खर्च कर चुका है।
तालिबान के एक प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के अनुसार आठवें दौर की यह वार्ता काफी सफल रही है। मुजाहिद ने बताया कि दोनों ही पक्ष एक एजेंडे पर सहमत हो गए हैं। काबुल में अमरिकी दूतावास की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई हैं, लेकिन तालिबान से बातचीत को लेकर सकारात्मक उम्मीद जताई गई है। अमरीका के विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि युद्ध जैसे हालात में अफगानिस्तान में ये आखिरी ईद है।
समझौता वार्ता में कई शर्तें शामिल
दोहा में अमरीकी अधिकारियों और तालिबान के बीच हुई वार्ता में कई अहम शर्तें रखी गई हैं। इनके तहत अमरीका द्वारा अफगानिस्तान से सेना वापसी तभी संभव होगी जब तालिबान विभिन्न सुरक्षा नियमों की अनदेखी न करे।
अमरीका की कोशिश है तालिबान को काबुल की सरकार के साथ भी समझौता करना चाहिए।
पांच हजार सैनिक लौट सकते हैं यूएस
अफगानिस्तान से अमरीका अपने पांच हजार सैनिकों को वापस लाने की तैयारी कर रहा है। समझौता वार्ता खत्म होने के साथ इस प्रक्रिया के शुरू होने की संभावना बढ़ रही है। यह प्रक्रिया अमरीका और तालिबान के साथ शांति समझौते का एक हिस्सा है। दरअसल अमरीकी सेना बीते 18 सालों से यहां पर है। उसके हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं। अमरीका चाहता है कि यहां पर सियासी माहौल अगर ठीक हो जाए तो वह अपनी सेना को पूरी तरह से हटा लेगा।
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Updated on:
13 Aug 2019 03:55 pm
Published on:
13 Aug 2019 08:20 am
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