इस अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर कोरिया के इस पनडुब्बी ( North Korea Submarine ) से अमरीका के नेवल बेस को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर कोरिया के इस पनडुब्बी से अमरीकी नेवल बेस खतरे में आ गया है, क्योंकि इस पनडुब्बी में पुकगुकसॉन्ग-3 मिसाइलें तैनात हैं।
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बता दें कि उत्तर कोरिया के वैज्ञानिकों ने पारंपरिक रूप से संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी को विकसित किया है। दुनियाभर में इसे पनडुब्बी को रोमियो मॉड क्लास के नाम से जाना जाता है। लेकिन उत्तर कोरिया में इसे सिनपो क्लास की पनडुब्बी भी कहते हैं। पिछले साल 29 जुलाई को किम जोंग के आदेश पर पहली बार इस पनडुब्बी को कोरियाई टेलिवीजन पर दिखाया गया था।
अमरीका के लिए खतरे की घंटी
उत्तर कोरिया और अमरीका के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं और किम जोंग उन ने अमरीका के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में इस मिसाइल से अमरीका के लिए खतरा काफी बढ़ गया है। अभी इस मिसाइल के बारे में रक्षा के जानकारों को ज्यादा मालूम नहीं है। लेकिन लॉंचिंग के दौरान मिसाइल ने 910 किलोमीटर की ऊंचाई पाई थी, तो ऐसे में ये अनुमान जताया जा रहा है कि इसका रेंज 1900 किलोमीटर हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई भी मिसाइल इतनी ऊंचाई से किसी टॉरगेट पर गिरे तो उसे ट्रैक करना और रोकना लगभग नामुमकिन होता है। केएन-26 पुकगुकसॉन्ग-3 मिसाइल को उत्तर कोरिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक माना जाता है, जो कि अमरीका के पोलारिस-3 मिसाइल के बराबर है।
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पिछले साल 2 अक्टूबर 2019 को इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। जिसमें इस मिसाइल ने 450 किलोमीटर दूर स्थित अपने लक्ष्य को सटीकता दे नष्ट कर दिया था। विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर कोरिया के पास इस क्लास की कम से कम 20 पनडुब्बियां हैं। इन पनडुब्बियों को रूसी डिजाइन में विकसित किया गया है, जो कि कुछ चीन और कुछ उत्तर कोरिया में ही बने हैं।