
स्टॉकहोम। एक ओर पाकिस्तान दुनियाभर के सामने शांति को बढ़ावा देने का ढोंग करता है, दूसरी तरफ चुपचाप तरीके से वह अपने खतरनाक इरादों को पूरा करने के लिए तैयारियों में भी जुटा है। इसका खुलासा स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान ( Sipri ) की एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर हथियारों ( nuclear weapons ) में बढ़ोतरी की है। जबकि भारत के परमाणु हथियारों की संख्या जस की तस बनी हुई है।
SIPRI ने सोमवार को जारी की रिपोर्ट
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है दुनियाभर में 2018 के बाद से परमाणु हथियारों की संख्या में कमी आई है। हालांकि, लोग अब हथियारों का आधुनिकीकरण करने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। SIPRI ने सोमवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में भारत समेत सभी परमाणु-संपन्न देशों के पास करीब 13,865 परमाणु हथियार है, जबकि 2018 की शुरुआत में यह संख्या 14,465 थी। इस तरह पिछले वर्ष के मुकाबले 600 परमाणु हथियारों में कमी आई है।
उत्तर कोरिया के हथियार लिस्ट में शामिल नहीं
वहीं, अपुष्ट संख्या के शक के चलते उत्तर कोरिया के पास मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। स्वीडिश सरकार की ओर से समर्थित SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि 'एक साल में पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार की संख्या में विस्तार किया है। वहीं, भारत के परमाणु हथियारों में न तो कोई कमी और न ही कोई बढ़ोतरी हुई।'
चीन-पाकिस्तान की अलग चाल
रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक पड़ोसी मुल्क में साल 2018 में 140 से 150 के बीच परमाणु हथियार थे। 2019 में यह संख्या बढ़कर 150-160 के बीच पहुंच गई। जबकि भारत के पास दोनों ही साल 130-140 के बीच ही हथियार बरकरार हैं। SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया कि एक तरफ संपन्न देश अब अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। लेकिन चीन और पाकिस्तान अभी भी अपने हथियारों की संख्या बढ़ाने में जुटे हुए हैं।
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Updated on:
18 Jun 2019 05:50 pm
Published on:
18 Jun 2019 04:39 pm
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