
Only 3 Coronavirus Vaccine development in phase III across world
नई दिल्ली। दुनिया भर में विकसित की जा रहीं COVID-19 वैक्सीन ( Coronavirus vaccine ) में से केवल तीन ही क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे में हैं। ये तीन कोरोना वायरस वैक्सीन संयुक्त राज्य अमरीका ( moderna coronavirus vaccine ), ब्रिटेन-ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सीन ( ,AstraZeneca coronavirus vaccine ) और चीन से हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ( Ministry of Health and Family Welfare ) के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी राजेश भूषण ने कहा कि दुनिया भर में क्लीनिकल इवैल्यूएशन के लिए 24 COVID-19 वैक्सीन हैं, जबकि 141 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल ( Coronavirus vaccine clinical trial ) से पहले के चरण में हैं। भूषण ने कहा, "एक बार जब तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल किया जाता है, तब वे संबंधित नियामक की अनुमति ले सकते हैं और वैक्सीन के निर्माण के लिए आगे बढ़ सकते हैं।"
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 24 जुलाई को जारी अपने बुलेटिन में कहा था कि कोरोना वायरस की 24 वैक्सीन दुनिया भर में क्लीनिकल ट्रायल के चरण में हैं और 141 वैक्सीन प्री-क्लीनिकल इवैल्युएशन चरण में हैं।
भूषण ने बताया, "इसका मतलब है कि क्लीनिकल ट्रायल में 24 वैक्सीन हैं, जो पहले, दूसरे या तीसरे चरण में हैं, जिनका परीक्षण इंसानी वॉलेंटियर्स पर बहु-केंद्रित साइटों पर किया जाता है। जबकि 141 वैक्सीन शोध में हैं या जानवरों पर अध्ययन किए जा रहे हैं और प्री-क्लीनिकल इवैल्युएशन चरण में हैं।"
भारतीय परिदृश्य में स्वदेशी रूप से विकसित दो टीके हैं की जानकारी देते हुए उन्होंने आगे कहा, "दोनों वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गए हैं। फिलहाल आठ स्थानों पर एक वैक्सीन ( coronavirus vaccine by Bharat Biotech ) का 1,150 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। जबकि स्वदेशी रूप से विकसित दूसरी वैक्सीन के लिए कम से कम 1,000 लोगों ने क्लीनिकल ट्रायल में भाग लिया है।"
उन्होंने कहा, "जैसा कि भारत वैक्सीन निर्माण का एक केंद्र है और इसलिए भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जब टीके के वितरण की बात आती है तो इसे मोटे तौर पर दो तरीकों से किया जा सकता है। सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को वैक्सीन के निर्माण और वितरण के लिए एक प्रणाली विकसित करनी चाहिए। दूसरा व्यक्तिगत देश उन लोगों से बातचीत कर सकते हैं जिनका टीका सफल हो जाता है।"
भूषण ने आगे बताया कि डब्ल्यूएचओ ( World Health Organization ) ने एक तंत्र बनाया है, जिसका नाम है - एक्सेस टू COVID-19 टूल्स (ACT) एक्सीलरेटर। यह तंत्र इस विचार के साथ बनाया गया है कि दुनिया भर के देशों को टीके, डायग्नोस्टिक किट और दवाएं कैसे प्रदान की जा सकती हैं।
उन्होंने बताया, "WHO द्वारा ACT के तहत COVAX नाम की एक सुविधा बनाई गई है। यह केवल वैक्सीन ( coronavirus vaccine latest update ) के लिए समर्पित है। इस सुविधा में WHO के अलावा GAVI (Global Alliance for Vaccines and Immunisation) और CEPI (Coalition for Epidemmic Preparedness Innovations) के इसका हिस्सा है और भारत दोनों संगठनों में अग्रणी भूमिका निभाता है। इसलिए यह सुविधा सभी सदस्य देशों के लिए वैक्सीन की आवश्यकता को पूरा करेगी।"
अभी तक भारत ने वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनियों के साथ किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है। भूषण ने कहा, "ऐसे कई हितधारक हैं जिनके साथ सरकार इस बात पर चर्चा कर रही है कि टीके को किस तरह वितरित किया जाएगा या जनता को लगाया जाएगा।"
Updated on:
30 Jul 2020 10:46 pm
Published on:
30 Jul 2020 10:36 pm
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