
नई दिल्ली। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रॉन ने बुधवार को एशिया-प्रशांत क्षेत्र और चीन की बढ़ती दृढ़ता में चुनौतियों का जवाब देने के लिए फ्रांस, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक नए रणनीतिक गठबंधन के निर्माण की जरुरत बताई है। उन्होंने कहा कि प्रशांत महासागर में चीन की बढ़त रोकने के लिए यही सबसे बेहतर रणनीति होगी।
ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर हैं फ्रांसीसी राष्ट्रपति
फ्रांस के राष्ट्रपति आजकल ऑस्टेलिया के दौरे पर हैं। अपनी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दूसरे दिन सैन्य और रणनीतिक मामलों से जुड़े मीडिया के एक विचार समूह को संबोधित करते फरंसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि ताजा वैश्विक परिस्थितियों में यह अति आवश्यक है। ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को पनडुब्बियों की आपूर्ति के लिए $ 38 बिलियन मेगाडेल पर हस्ताक्षर करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले लोकतांत्रिक देशों को आपस में एक निकट संबंध बनाना चाहिए। मैक्रॉन ने कहा कि " पेरिस-दिल्ली-कैनबरा का यह त्रिकोण हिन्द और प्रशांत महासागर क्षेत्र में हमारे संयुक्त उद्देश्यों के लिए बिल्कुल महत्वपूर्ण है।"
साथ आएं भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया
मैक्रोन ने ऑस्ट्रेलियाई नौसेना बेस में एक भाषण में कहा कि अगर हम एक समान साथी के रूप में चीन द्वारा देखा जाना और सम्मान पाना चाहते हैं, तो हमें खुद को एक त्रिगुट के रूप में व्यवस्थित करना होगा। बता दें कि मैक्रॉन ने जनवरी में चीन का दौरा किया, जहां उन्होंने बीजिंग को चेतावनी दी थी कि इसकी उसकी प्रस्तावित सिल्क रोड की कोई पहल एक तरफा नहीं होनी चाहिए। उसके बाद वह मार्च में भारत आए, जहां उनकी पहल पर दोनों देशों में संबंध और मजबूत हुआ।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने चेतावनी दी है कि चीन अपने अंतरराष्ट्रीय सहायता कार्यक्रम के माध्यम से प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव डालने की मांग कर रहा है। चीन से ऐसी ही शिकायत फ्रांस को भी है। जबकि चीन ऐसे आरोपों से इंकार करता आया है।
Published on:
03 May 2018 02:56 pm
बड़ी खबरें
View Allविश्व की अन्य खबरें
विदेश
ट्रेंडिंग
