19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कभी मनमोहन सिंह की पसंद थे एस जयशंकर, अब पीएम मोदी ने दी अहम जिम्मेदारी

2015 में बनाए गए थे भारत के विदेश सचिव भारत और अमरीका के रिश्ते मजबूत करने में रही है भूमिका पीएम मोदी ने अब दी यह अहम जिम्मेदारी

2 min read
Google source verification
S Jaishankar

नई दिल्ली। गुरुवार शाम शपथ ग्रहण के बाद शुक्रवार को पीएम मोदी ( pm modi ) ने अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। एस जयशंकर ( S Jaishankar ) को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उनको विदेश मंत्री बनाया गया है। गुरुवार शाम जब एस जयशंकर ने मंत्री पद की शपथ ली तो उनके नाम पर सभी लोग हैरान रह गए। आइए, बताते हैं कि ऐसी क्या खूबियां हैं जिसके दम पर दिग्गज नेताओं की भीड़ में भी उन्हें बुलाकर पीएम मोदी ने विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है।

यूएई: खास अंदाज में मनाया गया पीएम मोदी के शपथ ग्रहण का जश्न, अबू धाबी के एडनॉक आइकॉनिक टॉवर पर लहराया तिरंगा

क्यों बने मोदी की पसंद

एस जयशंकर पहली बार चर्चा में तब आए थे जब मोदी ने 2014 मेंअपनी पहली अमरीकी यात्रा की थी। कहा जाता है कि इस यात्रा की योजना तैयार करन और इसे सफल बनाने में जयशंकर की अहम भूमिका थी। यह भी कहा जाता है इस दौरे पर पहले पीएम मोदी का पब्लिक को संबोधन करने का कार्यक्रम नहीं था लेकिन बाद में एस जयशंकर ने मेडिसन स्क्वायर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन करवाया। जैसा कि हम सब जानते हैं कि यह पीएम के विदेशी दौरों के सबसे सफल कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। यही नहीं, डोकलाम विवाद से लेकर संयुक्त राष्ट्र में कई मुद्दों पर भारत का पक्ष रखने में एस जयशंकर की भूमिका प्रमुख रही है। यही नहीं, एस जयशंकर को चीन, अमरीका और रूस तीनों ही देशों में में काम करने का अनुभव है।

मोदी सरकार का पहला दिन कूटनीति के नाम, आज विदेशी मेहमानों से रूबरू हो रहे हैं पीएम

खाते में दर्ज हैं बड़ी उपलब्धियां

मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की चर्चा है कि एस जयशंकर पीएम मोदी से पहली बार 2012 में मिले जब मोदी चीन के दौरे पर गए हुए थे। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। जनवरी 2015 वह विदेश सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन किए गए। तबसे लेकर जनवरी 2018 वह भारत के विदेश सचिव रहे। विदेश सचिव रहते हुए उन्होंने शानदार काम किया। असल में विदेश सचिव के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने विदेश नीति को ठोस आधार प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभाई। सुषमा स्वराज की विदेश मंत्री के रूप में सफलता का बड़ा श्रेय एस जयसंकर को ही जाता है। माना जाता है कि उनकी नीतियों से भारत के संबंध अरब देशों के साथ-साथ चीन और अमरीका से भी मजबूत हुए। जयशंकर को इसी साल जनवरी में पद्मश्री से नवाजा गया था ।

विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..