19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बुद्ध को खुश करने के लिए भिक्षु ने किया अनोखा काम

थाईलैंड में बुद्ध को खुश करने के लिए भिक्षु ने अनोखा काम किया है। वे पिछले 11 सालों से उत्तर-पूर्वी थाईलैंड के एक मंदिर में सेवा कर रहे थे।

2 min read
Google source verification
Buddha

Buddha

नई दिल्ली। इस दुनिया में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो भगवान के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। कुछ लोग सांसारिक मोह माया को छोड़कर भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं। परमात्मा का आशीर्वाद पाने के लिए ये लोग कड़ी तपस्या करते हैं। लेकिन थाईलैंड से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां 68 वर्षीय थम्माकोर्न वांगप्रीचा ने भगवान को खुश करने के लिए अपनी जीवनलीला को समाप्त कर लिया। खबरों के अनुसार, कथित तौर पर पिछले पांच वर्षों से विचित्र अनुष्ठान बलिदान की योजना बना रहे थे।

यह भी पढ़ें :— कट्टरपंथियों के आगे घुटनों पर आए इमरान, फ्रांस के राजूदत को निष्कासित करने के लिए NA में आएगा प्रस्ताव

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
थम्माकोर्न वांगप्रीचा पिछले 11 सालों से उत्तर-पूर्वी थाईलैंड के एक मंदिर में सेवा कर रहे थे। खबरों के अनुसार, वांगप्रीचा ने अन्य पुजारियों को बताया था कि वे जल्द ही मंदिर से अपनी सेवाएं खत्म करने वाले हैं। भगवान को खुश करने के लिए भिक्षु ने खुद की बलि चढ़ा दी। मौत का कारण पता लगाने के लिए पुलिस ने बौद्ध भिक्षु का शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बौद्ध भिक्षु की मौत के बारे में जब लोगों को पता चला तो आसपास के क्षेत्रों के 300 श्रद्धालु मंदिर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

यह भी पढ़ें :— गुड न्यूज! वैक्सीन के कच्चे माल पर रोक हटा सकता है अमेरिका, कहा- समझते हैं भारत की जरूरत

धार्मिक क्रियाओं जान देना गलत
थम्माकोर्न वांगप्रीचा के पार्थिव शरीर पर सबसे पहले उनके भतीजे बूनचर्ड बूनरोड की नजर पड़ी थी। बूनरोड काे शव के पास एक पत्र मिला था। जिस पर लिखा था मैं भगवान बुद्ध को अपना शरीर और आत्मा समर्पित करना चाहता था ताकि प्रभु मुझे अगले जन्म में एक उच्च आध्यात्मिक के रूप में दुनिया में वापस भेजे। नेशनल ऑफिस ऑफ बुद्धिस्म ने स्थानीय प्रशासन को कहा है कि वे लोगों को समझाएं कि इस तरह की धार्मिक क्रियाएं जिनमें जान जाने का खतरा है। बौद्ध धर्म में किसी भी तरीके से उत्साहित नहीं किया जाता है। किसी भी धर्म में यह नहीं बताया गया है कि जान देने से परमात्मा खुश होंगे। यह जीवन अमूल्य है। इसको सादगी सादगी से जीना चाहिए। लोगों को समझना चाहिए कि धार्मिक क्रियाओं के दौरान जान देना गलत बात है।