भारत और रूस की नजदीकियों से फिर बौखलाया अमरीका, एस-400 के सौदे को लेकर दी बड़ी चेतावनी
भारत की रूस से बढ़ती करीबी से नाखुश है अमरीका
एस-400 मिसाइल रक्षा तंत्र के आने से भारत की रक्षा प्रणाली में आएगी मजबूती
अमरीका नहीं चाहता है कि दक्षिण एशियाई देशों में उसकी पकड़ कमजोर हो
ट्रंप प्रशासन ने भारत को दी चेतावनी, रूस के एस-400 मिसाइल रक्षा तंत्र के सौदे से दूर रहे
वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने भारत की रूस से बढ़ती करीबी पर कड़ा ऐतराज जताया है। उसने चेतावनी दी है कि भारत अगर रूस से लंबी दूरी का एस-400 मिसाइल रक्षा तंत्र खरीदता है तो उसे मिलने वाले अमरीकी सहयोग पर असर पड़ सकता है। अमरीका ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह उसकी रक्षा जरूरतों को पूरा कर सकता है।गौरतलब है कि हाल ही में किर्गिस्तान के बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान मोदी ने रूस के साथ कई समझौते किए है। रूस से बढ़ती करीबी को देखकर अमरीका के माथे पर बल पड़ गए हैं। अमरीका चाहता है कि दक्षिण एशियाई देशों में उसका अस्तित्व कम न हो।
अमरीका: व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा छोड़ेंगी पद, राष्ट्रपति ट्रंप ने की घोषणाहथियारों की होड़ से बचा जा सके विदेश मंत्रालय की विशेष अधिकारी एलिस जी वेल्स के अनुसार भारत की रूसी हथियारों पर निर्भरता पुराने समय से है। उन्होंने कहा कि प्रशासन चाहता है कि यह निर्भरता कम हो ताकि हथियारों की होड़ से बचा जा सके। ट्रंप प्रशासन का यह बयान अमरीकी विदेश मंत्रालय द्वारा कुछ सप्ताह पहले दी गई ऐसी ही चेतावनी के बाद आया है। मंत्रालय ने कहा था कि भारत के रूस से मिसाइल तंत्र खरीद पर भारत-अमेरिका के संबंध पर असर डालेगा। वेल्स ने कहा कि एस-400 से भारत के पड़ोसी देशों में भी इस हथियार की होड़ मचेगी। इसके साथ भारत रूस पर हथियारों के मामले निर्भर नहीं होना चाहिए।
अमरीका का दावा: ईरान ने किए थे तेल टैंकरों पर हमलेक्या है एस-400 एस-400 रूस का सबसे आधुनिक सतह से हवा तक लंबी दूरी वाला मिसाइल रक्षा तंत्र है। मोदी और पुतिन के बीच बीते साल पांच अरब डॉलर में एस-400 हवाई रक्षा तंत्र खरीद सौदे पर समझौता हुआ था।
अमरीका: अबॉर्शन लॉ के बाद अलबामा में एक और सख्त कानून, रेपिस्टों को इंजेक्शन देकर नपुंसक बनाने की सजाशून्य से 18 अरब डॉलर तक पहुंचा व्यापार वेल्स ने कहा कि बीते दस वर्षों में भारत-अमरीका रक्षा व्यापार शून्य से 18 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले तक हम भारत को उतने सैन्य साजो सामान की पेशकश नहीं करते थे। आज हम उसे हर तरह के हथियार देने को तैयार हैं। भारत के साथ लगातार बातचीत हो रही है। अमरीका चाहता है कि वह भारत के साथ अपने रक्षा संबंध और मौजूद करे।