
तुर्की: आर्थिक मंदी के बीच निकाय चुनाव संपन्न, राष्ट्रपति एर्दोआन के लिए बड़ी चुनौती
अंकारा। तुर्की में निकाय चुनाव को लेकर रविवार को हजारों की संख्या में लोगों ने मतदान किया। यह चुनाव राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान की सत्ता में वापसी के लिए एक लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि पूरे देश में राष्ट्रपति एर्दोगान की नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक रेफरेंडम के तौर पर इस चुनाव को लिया जा रहा है। बीते वर्ष जून में एर्दोगान चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने थे। बता दें कि तुर्की के पूर्वी प्रांत में शाम को चार बजे जबकि पश्चिमी प्रांत में शाम को पांच बजे मतदान खत्म हुआ।
मतदान के दौरान दो लोगों की हत्या
बताया जा रहा है कि मतदान के दौरान पोलिंग बूथ पर पूर्वी प्रांत के मालात्या में लोगों के बीच झड़प हो गया। इस झड़प में दो लोगों की हत्या कर दी गई जिसमें चुनाव ऑब्जर्वर भी शामिल हैं। इसके अलावे दर्जनों लोग घायल हो गए। मालात्या के गवर्नर के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 बजे के करीब मतदान के समय हमारे दो नागरिक हिंसा के दौरान मारे गए हैं। इधर चुनावी एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि इस बार का चुनाव एर्दोगान की पार्टी (AK) के लिए काफी मुश्किल होने वाला है। जो कि 2002 में सत्ता में आई थी। हाल के दिनों में तुर्की में हुए दो चुनावों में एर्दोगान की पार्टी दो मुख्य शहरों इस्तांबुल और अंकारा में अपने सहयोगी दलों के साथ वापसी करने में सफल हुए हैं।
आर्थिक मंदी से गुजर रहा है तुर्की
अधिकारियों का कहना है कि एर्दोगान के नेतृत्व में 2018 के अंतिम दो क्वार्टर में तुर्की की अर्थव्यवस्था बीते एक दशक के सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गया है। साथ ही साथ करेंसी के अवमूल्यन के कारण मुद्रास्फीति व ब्याज दरों में भी काफी अंतर आ गया है। अधिकारियों ने आगे यह भी कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले अभी तुर्की के लीरा अमरीकी डॉलर के मुकाबले 40 प्रतिशत नीचे गिर गया है। फरवरी में मुद्रास्फीति 20 प्रतिशत के नीचे था, जबकि तुर्की सेंट्रल बैंक का ब्याज दर मौजूदा समय में 24 प्रतिशत है।
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Updated on:
01 Apr 2019 02:14 pm
Published on:
01 Apr 2019 05:16 am
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