
nirav modi
नई दिल्ली। यूनाइटेड किंगडम (यूके) के हाईकोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने नीरव मोदी को मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर करने की इजाजत दे दी है। नीरव के वकीलों ने कोर्ट से अनुरोध करा था कि उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए प्रत्यर्पण सही नहीं होगा।
न्यायाधीश मार्टिन चैंबरलेन ने अपने निर्णय में कहा कि नीरव मोदी के वकीलों की ओर से उसके मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की आशंका को लेकर चिंता जताई गई है। ये चिंताएं सुनवाई में बहस के योग्य हैं। न्यायाधीश ने कहा कि मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में आत्महत्या के प्रयासों को सफलतापूर्वक रोकने की क्षमता का अहम मुद्दा बहस के दायरे में आता है।
तार्किक रूप से बहस के लिए है
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में उनके लिए सवाल इतना है कि क्या इन आधारों पर अपीलकर्ता का मामला तार्किक रूप से बहस के लिए है की नहीं। 'मेरे विचार से ऐसा है। मैं आधार तीन और चार के तहत नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दूंगा।' गौरतलब है कि न्यायाधीश मार्टिन चैंबरलेन ने अपने इस फैसले में जिन आधार तीन और चार का उल्लेख किया है, वह अपील के लिए फिटनेस (स्वास्थ्य) से संबंधित है।
आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ने का खतरा
नीरव के वकीलों ने विधि विज्ञान मनोचिकित्सक डॉ.एंड्रयू फॉरेस्टर की रिपोर्ट का जिक्र करा था। फॉरेस्टर ने 27 अगस्त 2020 की रिपोर्ट में कहा कि फिलहाल तो नहीं लेकिन नीरव में आगे आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ने का खतरा ज्यादा है। वकीलों के अनुसार कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ी हुई है। गृह मंत्री प्रीति पटेल के प्रत्यर्पण आदेश पर वकीलों ने ये दलील दी थी कि उन्हें भारत सरकार के आश्वासन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। दोनों ने साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक को 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
Published on:
09 Aug 2021 06:55 pm
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