
वाशिंगटन। आतंकियों की पनाहगाही और टेरर फंडिंग को लेकर अलग-थलग पड़े पाकिस्तान शायद अपनी गलती से सबक ले रहा है। तभी तो वैश्विक रूप से चौतरफा घिरने के बाद पाकिस्तान अब लगातार भारत के साथ शांति वार्ता की कोशिशें कर रहा है। इसी क्रम में पाक पीएम इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शांतिवार्ता की पहले के लिए एक चिट्ठी भी लिखी है। भारतीय समकक्ष को लिखे इस चिट्ठी में इमरान ने मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। इसी बीच अमरीका ने भारत-पाक के रिश्तों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
अमरीका की पाक को नसीहत
अमरीका ने पाक को साफ-साफ कहा है कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की जिम्मेदारी उसकी है। दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आतंकी गुटों को वहां से बाहर कर दिया जाए। यह बयान वाइट हाउस से जारी किया गया। आपको बता दें कि अपनी चिट्ठी में इमरान खान ने पीएम मोदी से कश्मीर मुद्दे और कई अहम मामलों पर बातचीत की पेशकश की है।
पीएम मोदी को लोकसभा में जीत की बधाई
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम चुनाव में दूसरी जीत पर भी पीएम इमरान बधाई संदेश दिया। पत्र में उन्होंने दक्षिण एशिया में टिकाऊ शांति और स्थिरता पर काम करने और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है। ये पत्र राजनयिक चैनलों के माध्यम से आया है।
वहीं, सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी एक पत्र लिखा है, जहां उन्होंने जीत की बधाई दी और खान के समान विचार रखे। सूत्रों ने कहा कि कुरैशी का पत्र इस सप्ताह की शुरुआत में भी आया था।
SCO शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं
इससे पहले चर्चा चल रही थी कि पीएम मोदी और पाक पीएम इमरान के बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात करेंगे। हालांकि, जल्द ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए साफ कर दिया था कि सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। गौरतलब है 13 और 14 जून को शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की बैठक किर्गिज़ गणराज्य की राजधानी बिश्केक में होने वाली है।
पाकिस्तान पहले भी कई बार कर चुका है बातचीत की कोशिश
पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्ते देखे गए है। इसके बाद भारत ने पाक स्थित बालाकोट में एयरस्ट्राइक की जिससे रिश्तों में कड़वाहट बढ़ गई। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार पाक को आतंक को लेकर उसके रवैए को ठीक करने की हिदायत देते आ रहे हैं, जिससे पाक अपमानित महसूस कर रहा है। पाक पर दबाव है कि वह भारत से बातचीत कर समस्याओं का हल निकाले। दूसरी ओर भारत अपने रूख पर कायम है। भारत का कहना है कि आतंक और शांति की चर्चा एक साथ नहीं हो सकते। पीएम मोदी ने अपने शपथग्रहण समारोह में पाक पीएम इमरान खान को न्योता नहीं दिया। उन्होंने बिम्सटेक देशों को बुलाना मुनासिब समझा। इमरान खान और विदेश शाह महमूद कुरैशी पहले भी कई बार बातचीत की कोशिश कर चुके हैं। मगर सीमा पर शांति न होने की वजह से बातचीत टाल दी गई।
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Updated on:
09 Jun 2019 10:21 am
Published on:
08 Jun 2019 05:11 pm
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