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क्या है G-20, भारत के लिए क्यों है इतना अहम?

locationनई दिल्लीPublished: Jun 27, 2019 02:04:34 pm

Submitted by:

Anil Kumar

G-20 समूह की स्थापना 26 सितंबर 1999 में हुई थी
2008 से सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेते हैं

G-20

नई दिल्ली। जापान के ओसाका में 14वां G-20 शिखर सम्मेलन 2019 का आयोजन 28 और 29 जून को होगा। इस दौरान दुनिया के कई बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक मंच पर मौजूद होंगे।

इस सम्मेलन में दुनिया की मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों से निपटने को लेकर मंथन करेंगे। इस बार के शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे हैं।

g20 summit

क्या है G-20?

G-20 बीस देशों का एक समूह है, जिसकी बैठक हर साल अलग-अलग देशों में आयोजित की जाती है। जी-20 समूह की स्थापना वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के उद्देश्य से 26 सितंबर 1999 में की गई थी।

G-20 समिट में सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स की भी बैठक होती है। इस बैठक में मुख्य रूप से आर्थिक विषयों पर चर्चा होती है। इस संगठन में 19 देश और 20वां यूरोपीय संघ शामिल है।

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ये सभी सदस्य मिल कर दुनिया की जीडीपी का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। इसके अलावा इन देशों का वैश्विक व्यापार में हिस्सा भी 80 फीसदी है और दुनिया की दो तिहाई आबादी इसी 20 देशों में रहती है।

जी-20 का क्या उद्देश्य है?

विश्व की अर्थव्यवस्था में सामंजस बनाने के लिए दुनिया के ये 20 देश प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करते हैं। महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाना इस संगठन का मूल उद्देश्य है। इसके साथ ही विश्व की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और सतत विकास के लिए भी नई नीति बनाई जाती है।

मौजूदा वित्तीय संकटों से निपटने के साथ ही भविष्य के वित्तीय संकटों के समाधान के लिए भी योजना बनाना G20 का उद्देश्य है।

g20 Summit

G7 से G20 तक

जी-20 की शुरूआत जी7 के रूप में हुई थी। दरअसल, सात शक्तिशाली देशों फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमरीका और कनाडा ने मिलकर G7 बनाया था। बाद में 1998 में इस समूह में रूस भी शामिल हो गया। जिससे यह G7 के बजाए G8 हो गया। हालांकि यूक्रेन के क्रीमिया को अपने क्षेत्र में शामिल करने को लेकर रूस को 2014 में बाहर कर दिया गया। जिसके बाद फिर से यह G7 हो गया।

1999 में G8 देशों ने जर्मनी के कोलोन में बैठक की और एशिया के आर्थिक संकटों के बारे में चर्चा की। आगे दुनिया के 20 देशों ने दिसंबर 1999 मे बर्लिन में पहली बार G20 समूह की बैठक की। 2008 से पहले तक इस समूह की बैठक में सदस्य देशों के वित्त मंत्री और गवर्नर्स भाग लेते थे। 2008 से समूह की बैठक में देश के राष्ट्राध्यक्ष भी भाग लेते हैं।

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ये हैं सदस्य देश

जी-20 संगठन के ये हैं सदस्य देश-: अमरीका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ। स्पेन एक स्थायी अतिथि है जिन्हें हर साल विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता है।

बता दें कि हर साल स्पेन के अलावा, जी-20 के मेहमानों में आसियान देशों के अध्यक्ष जिसमें दो अफ्रीकी देश (अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष और अफ्रीका के विकास के लिए नई साझेदारी के प्रतिनिधि) और एक देश (कभी-कभी एक से अधिक) जी20 के अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित किया जाता है।

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