
अमरोहा. उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जिसको सुनकर आप हैरान रह जायेंगे। आपने इंसान की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार और तेहरवीं तो देखी होगी, लेकिन तोते की मौत के बाद इंसान की तरह तोते का अंतिम संस्कार और तेहरवीं होते हुए नहीं देखा होगा। अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र में तोते की मौत के बाद पहले उसके मालिक ने हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कराया। इसके बाद बाकायदा तेरहवीं के कार्ड छपवाकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को न्यौता दिया और रविवार को तेरहवीं की सभी रस्मे हिंदू रीति रिवाज से संपन्न हुई।
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बता दें कि अमरोहा के हसनपुर के मोहल्ला होलीवाला चौक निवासी शिक्षक पंकज कुमार मित्तल ने मार्च 2013 में एक तोते का बच्चा चील की चोंच से अपने घर के आंगन में बचाया था। इसके बाद उन्होंने उसकी प्राथमिक चिकित्सा की। इसके बाद नन्हे तोते को दूध पिलाया। कुछ दिनों बाद तोता स्वस्थ हो गया। इसके बाद पंकज तोते को अपनी संतान की तरह प्यार करने लगे। वहीं पंकज जब विद्यालय से घर लौटते तो तोता भी उन्हें स्नेह करता। वहीं पंकज कुमार की पत्नी तोते को चने की दाल, अमरूद, भीगे हुए बादाम खिलाती थीं।
पांच मार्च 2018 की सुबह जब पंकज अखबार पढ़ रहे थे तब इस तोते की मौत हो गई। पंकज यह देख बहुत दुखी हुए और तोते का कफन मंगाकर पुष्पावतिघाट पर उसकी अंत्येष्टी की। इतना ही नहीं उन्होंने उसके तेरहवीं के कार्ड छपवाकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को तोते की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा और ब्रह्मभोज का कार्यक्रम रखा। रविवार की सुबह निर्धारित कार्यक्रम अनुसार पंकज के आवास पर तोते की आत्मिक शांति के लिए हवन यज्ञ एवं उसके बाद ब्रह्मभोज कराया गया।
Updated on:
12 Mar 2018 11:39 am
Published on:
12 Mar 2018 11:26 am
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