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प्रोजेक्ट की खूबियां
1- यदि लाल सिग्नल होने पर ट्रेन का ड्राइवर उसपर ध्यान ना दे या किसी वजह से लाल सिग्नल पर गाड़ी के ब्रेक लगाने में सक्शन न हो तो इस अवस्था में भी ट्रेन लाल सिग्नल को क्रोस नही करेगी। ऐसा इलेक्ट्रोनिक्स के र.एफ मॉड्यूल,माइक्रो कन्ट्रोलर नामक सर्किटस द्वारा किआ जाएगा।।
2-यदि ट्रैन की पटरी कहीं से टूटती है या फिर पटरी पर किसी प्रकार का भारी गति रोधक मौजूद है तो इसकी सूचना उस पटरी पर आने वाली ट्रेन के ड्राइवर एवं नज़दीकी केबिन मैन को पोहोच जाएगी,ऐसा लेज़र सर्किट्स के द्वारा किआ जाएगा।
3- मानव रहित रेलवे क्रोसिंग्स पर होने वाले दुर्घटनाओ को कम करने के लिए सिग्नल के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स के आर्डिनो मिक्रोकंट्रोलर द्वारा सिंगल हरा होने पर क्रासिंग अपने आप बंद होजाएगी । यह प्रोजेक्ट की मेजर खूबियां हैं जिनके अलावा कुछ और छोटे बड़े एक्सपेरिमेंट्स हम कर रहे हैं उनमे से जितने कामयाब साबित होंगे उन्हें हम प्रोजेक्ट में लगाएंगे।
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प्रोजेक्ट करेगा इस तरह काम
यह प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे की परेशानी को दूर करने के लिए हैं। इस प्रोजेक्ट की वर्किंग इस प्रकार है कि लाल सिग्नल होने पर यदि ड्राइवर ट्रेन के ब्रेक लगाना भूल जाये या सिग्नल ना देख पाए या फिर ब्रेक लगाने की अवस्था में ना हो तब भी ट्रेन लाल सिग्नल को क्रॉस नहीं करेगी। इस प्रोजेक्ट में उनके द्वारा तैयार किया हुआ सर्किट लगाया है। इसके प्रयोग से लाल सिग्नल के पहले 100 मीटर के हिस्से में ओवरहेड पावर लाइन 125000 वोल्ट की सप्लाई कट हो जाएगी और इसके साथ ही ट्रेन के ब्रेक लग जाएंगे। इसके अलावा सिग्नल हरा होने पर ट्रैक पर आगे मौजूद खतरों के लिए एलर्ट सिग्नल द्वारा ड्राइवर को सावधान किया जाएगा। प्रोजेक्ट में रेलवे के भविष्य के लिए सुझाव हैं जैसे ट्रैन आने पर रेलवे क्रॉसिंग खुद बंद हो जाना। ट्रैक कटने या टूटे होने की स्थिति में ट्रेन का खुद रुक जाना माइक्रो कंट्रोलर द्वारा।
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इन्होने बनाया प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट 2 छात्र वैभव शर्मा,शुभम कुमार एवं छात्रा सेज़ल गुप्ता द्वारा बनाया गया है। तीनो ही इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र है। सभी छात्रों को संस्थान के निदेशक डॉ भानु प्रताप सिंह , तकनीकी निदेशक प्रोफेसर अमिताभ घोष एवं विभागाद्यक्ष डॉ फ़ारूक़ हुसैन ने बधाई दी।