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Sambhal: व्यापारी की गोली मारकर हत्या, गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर पुलिस को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम दरअसल, मुरादाबाद जिले में करीबन साढ़े तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात है। इनमें से 720 पुलिसकर्मी किसी न किसी मामले में आरोपी हैं। जिले के 20 थानों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें आरोपियों से मिलीभगत कर एफआईआर दर्ज नहीं करने में 200 पुलिसकर्मी आरोपी हैं। वहीं, संज्ञेय अपराधों में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी गिरफ्तार नहीं करने में सौ पुलिसकर्मी आरोपी हैं। इसी तरह पीड़ितों से दुर्व्यवहार में 75 पुलिसकर्मी, अवकाश के बाद से गायब रहने वाले 62 पुलिसकर्मी, ड्यूटी प्वाइंट से नदारद रहने वाले 50 पुलिसकर्मी, समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं करने वाले 30 पुलिसकर्मी और अन्य मामलों में 203 पुलिसकर्मी समेत कुल 720 पुलिसकर्मी आरोपी हैं।
जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच जारी है उनमें आरक्षी, मुख्य आरक्षी, उपनिरीक्षक और निरीक्षक तक शामिल हैं। जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या से औसत निकालें तो हर पांचवां पुलिसकर्मी जांच के दायरे में है। सबसे ज्यादा शिकायतें आरोपियों की गिरफ्तारी नही करने के मामलों को लेकर हैं। इस संबंध में समाजशास्त्रियों का मानना है कि समय रहते आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने से ही विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधी पैदा होते हैं।
इस संबंध में मुरादाबाद पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी का कहना है कि पुलिसकर्मियों से संबंधित जितने भी केसों में जांच की जा रही है। वह खुद उन केसों की निगरानी करेंगे। मामलों की जांच पूरी होने वाले मामलों में भी जल्द फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा पुलिसकर्मियों से संबंधित मामलों की शिकायत के लिए उन्होंने वॉटसऐप नंबर 9368332927 जारी किया है। इस नंबर पर कोई भी पीड़ित शिकायत भेज सकता है।