Father had raped minor in UP: 22 जून को पटना से चंडीगढ़ जा रही समर स्पेशल ट्रेन (04503) के जनरल कोच में एक लावारिस बैग में नवजात शिशु मिला। शिशु की नाल तक नहीं कटी थी। जब ट्रेन बरेली पहुंची तो एक वेंडर ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी और बैग खोलने पर नवजात को देखकर हड़कंप मच गया। यात्रियों ने टीटीई को जानकारी दी, जिसने बच्चे को एसी-2 कोच में ले जाकर 139 नंबर पर सूचना दी। मुरादाबाद जंक्शन पर ट्रेन रोकी गई और नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बैग में मिले मोबाइल सिम से पुलिस को बिहार के छपरा जिले की एक लड़की की जानकारी मिली। जीआरपी के एसआई हेमराज सिंह और मनोज ने छपरा पहुंचकर जांच की। पूछताछ में सामने आया कि नाबालिग लड़की के साथ उसके शराबी पिता ने डेढ़ साल से दुष्कर्म किया था। जब वह गर्भवती हुई तो परिजनों ने उसे छिपाकर रखा।
लड़की ने अपने बयान में बताया कि उसे ट्रेन से दिल्ली ले जाया जा रहा था। वाराणसी के पास अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो परिजन उसे शौचालय ले गए। वहीं बच्चे का जन्म हुआ। इसके बाद नवजात को एक बैग में रखकर परिजन वाराणसी स्टेशन पर उतर गए और ट्रेन के जनरल कोच में बैग को छोड़कर वापस लौट गए।
बाद में जीआरपी टीम लड़की को मुरादाबाद लाई और चाइल्ड लाइन के समक्ष प्रस्तुत किया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमित कौशल ने बताया कि शुक्रवार को नाबालिग मां और उसकी नानी अस्पताल आईं। मां ने लिखित में नवजात को अपनाने से इनकार कर दिया। नानी ने भी इस पर सहमति जताई। ऐसे में बच्चे को इलाज पूरा होने के बाद साह संस्था को सौंपा जाएगा। हालांकि, मां चाहें तो दो महीने के भीतर बच्चे को वापस ले सकती है। इसके बाद ही गोद लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।
काउंसलिंग में नाबालिग ने स्पष्ट किया कि उसके पिता ने शराब के नशे में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। जीआरपी ने मामले की आगे की विवेचना छपरा पुलिस को सौंपने की तैयारी की है। छपरा पुलिस अब लड़की के बयान के आधार पर आरोपी पिता के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज करेगी। साथ ही ट्रेन में नवजात को छोड़कर जान जोखिम में डालने वाले परिजनों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। फिलहाल आरोपी पिता फरार है।
Published on:
06 Jul 2025 02:13 pm