12 घंटे की नियमित पढ़ाई से पाया मुकाम
फुरकान अली मदरसा इस्लामिया अरबिया तालिमउल कुरान के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि वे प्रतिदिन 12 घंटे पढ़ाई करते थे। उनका मानना है कि लक्ष्य को ध्यान में रखकर की गई मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। मदरसे में रहकर उन्होंने कठिन परिश्रम किया और सफलता प्राप्त की।
जिले का परिणाम मात्र 49 प्रतिशत
यूपी मदरसा बोर्ड परीक्षा में जिले के 57 मदरसों से कुल 2,282 छात्र शामिल हुए थे। इनमें 687 छात्र सीनियर सेकेंडरी (आलिम) और 1,595 छात्र सेकेंडरी (मुंशी, मौलवी) वर्ग से थे। शुक्रवार को घोषित परिणाम के अनुसार जिले का कुल परिणाम मात्र 49 प्रतिशत रहा। सीनियर सेकेंडरी में 116 और सेकेंडरी में 614 छात्र फेल हो गए।
गरीबी को पीछे छोड़कर सफलता की ओर बढ़े
फुरकान अली एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता मोहम्मद उमर खेती व मजदूरी कर परिवार चलाते हैं, जबकि मां शमीम एक गृहणी हैं। आर्थिक तंगी के चलते फुरकान मदरसे के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे। उन्होंने कक्षा पांच तक की शिक्षा गांव के मदरसा सर सैय्यद पब्लिक स्कूल से और उसके बाद वीरपुर थाना क्षेत्र के मदरसा इस्लामिया अरबिया तालिमउल कुरान से प्राप्त की।
हाफिज और कारी की डिग्री भी प्राप्त
फुरकान न सिर्फ आलिम में टॉपर हैं, बल्कि उन्होंने मदरसे से हाफिज और कारी की डिग्रियां भी हासिल की हैं। उन्होंने सेकेंडरी परीक्षा में 58 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, जिसके बाद उन्होंने मेहनत को और अधिक बढ़ा दिया। फुरकान ने बताया कि वह कुल पांच भाई-बहनों में से एक हैं।
दुनियावी तालीम भी जरूरी: फुरकान
फुरकान का मानना है कि दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम भी जरूरी है। इसी सोच के तहत उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीए में प्रवेश के लिए परीक्षा दी है। जब परीक्षा परिणाम आया, उस समय वे अलीगढ़ में ही थे। वहां दोस्तों और मदरसे के मैनेजर रियाजुल ने उन्हें बधाई दी। गांव में खुशी की लहर
फुरकान की इस शानदार उपलब्धि पर उनके गांव में खुशी का माहौल है। परिवार की गैरमौजूदगी में गांववालों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। देर शाम तक फुरकान के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।