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मुनव्वर राणा की बेटियों पर एफआईआर दर्ज होने से खफा हुए साहित्यकार, शायर मंसूर उस्मानी ने इसे बताया दमन

Highlights -लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान दर्ज हुआ मुकदमा -साहित्य से जुड़े लोगों ने मुकदमा वापस लेने की मांग सरकार से की -खुद मुनव्वर राणा ने भी तीखा विरोध दर्ज करवाया -मुनव्वर राणा की बेटियां कर रहीं थी CAA का विरोध

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मुरादाबाद: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लखनऊ (Lucknow) में मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) की बेटियों सुमैया और फौजिया राणा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। खुद मुनव्वर राणा ने तीखा विरोध दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ भी एफआईआर लिखने को कहा बोले क्यूंकि मैंने ऐसी बागी बेटियां पैदा की हैं। वहीँ अब उर्दू के अन्य शायर भी उनके साथ हो लिए हैं। जी हां शायर मंसूर उस्मानी ने भी मुनव्वर राणा की बेटियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को गलत ठहराया है। उन्होंने इसे स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं बताया।

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एफआईआर को ठहराया गलत
शायर मंसूर उस्मानी ने कहा कि शासन को दमन की नीति नहीं अपनानी चाहिए, जो भी लोग आन्दोलन कर रहे हैं, उनसे बात करनी चाहिए, उनकी समस्या सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय देश के अलग-अलग इलाकों में इस कानून के खिलाफ के खिलाफ बेटे और बेटियां और तमाम उम्र के लोग विरोध जता रहे हैं। सरकार को इस तरह नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में विरोध की आवाज चाहिए। यही नहीं देश की गंगा जमुनी तहजीब बचाने की अपील सभी लोगों और खासकर शासन से की।

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बढ़ रहा विरोध
यहां बता दें कि नारिकता संशोधन कानून का लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है। वहीँ भाजपा सरकार अब इसके समर्थन में रैलियां भी कर रही है। लेकिन लोगों का विरोध भी उसी तरह बढ़ता जा रहा है। अब जब इस तरह की एफआईआर दर्ज की जा रही है जिससे साहित्य और बौद्धिक वर्ग भी सरकार से नाराजगी जता रहा है।