पूरे दिन रहे कार्यकर्ताओं के साथ राहुल गांधी की टीम में शामिल जितिन प्रसाद, शमीना शफीक व प्रमोद तिवारी को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। वे पूरे दिन कार्यकर्ताओं के साथ रहे। इसके बाद सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि प्रियंका गांधी यहां से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। इस बात को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि प्रियंका की ससुराल मुरादाबाद की है। बढेरा परिवार के कई लोग अब भी यहां रहते हैं। फिलहाल गुलाम नबी आजाद इस सवाल को यह कहकर टाल गए कि वह पार्टी की मालिक हैं, जहां से चाहें लड़ सकती हैं।
कार्यकर्ता सम्मेलन में सभी से रूबरू हुए नेता बीते कई चुनावों में भी कांग्रेस हाईकमान का इस तरह का कार्यक्रम नहीं हुआ, जिसमें एक-एक कार्यकर्ता से नेता रूबरू हुए। हर कार्यकर्ता की बात नोट करने के साथ ही उसका नाम, पद व मोबाइल नंबर राहुल गांधी को सौंपा जाएगा। यह जाहिर कर रहा है कि कांग्रेस के भीतर कहीं न कहीं कुछ पक रहा है। यह इसलिए भी और मजबूत हो रहा है कि पूर्वांचल से अमेठी या रायबरेली से राहुल गांधी का चुनाव लड़ना तय है। वहीं, प्रियंका गांधी के रूप में पश्चिम में परिवार का साथ मिल सकता है। इससे न सिर्फ सीट मजबूत होगी बल्कि कार्यकर्ताओं का उत्साह भी सातवें आसमान पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। वैसे प्रियंका गांधी ने अभी तक चुनाव लड़ने से मना ही किया है, लेकिन वह चुनाव प्रचार के लिए जरूर आती रही हैं।
अजहरुद्दीन कर चुके हैं मना पंचायत भवन में जिस तरह से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे थे, फिर उनकी बात भी सुनी गई। कहीं न कहीं बड़ी योजना की तैयारी लग रही थी। लिहाजा 80 सीटों वाले प्रदेश में कांग्रेस बड़ा दांव खेल भी सकती है। मोहम्मद अजहरुद्दीन भी इस सीट से लड़ने से मना कर चुके हैं। स्थानीय स्तर पर अभी तक कोई ऐसा चेहरा सामने नहीं है जो मौजूदा सांसद सर्वेश सिंह को टक्कर भी दे पाए।